डीएलएसए के प्रयास से पारिवारिक विवाद का हुआ समाधान, कैंसर पीड़िता मां को मिलेगा सरकारी इलाज और परिजनों का साथ

चक्रधरपुर: वर्षों से चला आ रहा एक पारिवारिक विवाद आखिरकार डीएलएसए (जिला विधिक सेवा प्राधिकार), चाईबासा के प्रयास से सुलझ गया। चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला निवासी अर्जुन प्रसाद साव और उनके पुत्र आलोक साव के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद और आपसी मनमुटाव बना हुआ था। विवाद की स्थिति इस हद तक पहुंच गई कि मंगलवार को अर्जुन साव अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी शंकुतला देवी के साथ पवन चौक पर धरने पर बैठ गए और न्याय की गुहार लगाने लगे।
मामले की जानकारी मिलते ही झालसा, रांची और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर (डीएलएसए अध्यक्ष) ने इस पर त्वरित संज्ञान लिया। उनके निर्देश पर डीएलएसए सचिव रवि चौधरी, अंचलाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा, पैनल अधिवक्ता आदित्य विश्वकर्मा, चिकित्सक अंशुमन शर्मा, थाना प्रभारी अवधेश कुमार, पीएलवी श्वेता रवानी और राजशेखर रवानी की टीम मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से विस्तृत बातचीत की।
करीब दो घंटे तक चली समझाइश और वार्ता के बाद दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनी। तय हुआ कि पिता-पुत्र अब एक ही घर में शांति और सौहार्द्र के साथ निवास करेंगे, आलोक साव अपने माता-पिता की देखभाल करेंगे और छोटे भाई को भी बिना किसी रोक-टोक के घर आने-जाने की अनुमति होगी।
डीएलएसए सचिव श्री रवि चौधरी ने कैंसर पीड़ित शंकुतला देवी के इलाज के लिए सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही अंचलाधिकारी कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज जमा करने का निर्देश भी दिया गया है।
इस सकारात्मक पहल के लिए स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने डीएलएसए टीम की सराहना की है। यह घटना इस बात का उदाहरण बनकर सामने आई है कि संवेदनशील हस्तक्षेप और आपसी संवाद के जरिए बड़ी से बड़ी पारिवारिक समस्या का समाधान संभव है।