गुवा और खरसावां गोलीकांड पर भाजपा आदिवासी मोर्चा का बयान: कांग्रेस को बताया आदिवासी विरोधी

चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आदिवासी मोर्चा के जिला अध्यक्ष तीरथ जमुदा, पदाधिकारी हरि चरण शांडिल और रानी बांदिया ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी करते हुए कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर आदिवासियों के संघर्ष और बलिदान के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि झारखंड की धरती संघर्ष और शहादत की साक्षी रही है। 8 सितम्बर 1980 के गुवा गोलीकांड और 1 जनवरी 1948 के खरसावां गोलीकांड जैसी घटनाएं कांग्रेस शासन की क्रूरता और आदिवासी विरोधी मानसिकता का प्रमाण हैं, जहाँ निर्दोष आदिवासियों को गोलियों से भून डाला गया।
तीरथ जमुदा ने कहा कि कांग्रेस ने न केवल झारखंड आंदोलन को दबाने की कोशिश की, बल्कि आंदोलनकारियों को प्रताड़ित भी किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया, वही पार्टी आज कांग्रेस जैसी आदिवासी विरोधी पार्टी के साथ सत्ता का आनंद कैसे ले सकती है?
भाजपा नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि “जो नेता खुद को आदिवासियों की आवाज़ बताते हैं, वे आज सत्ता की मलाई चखने में लगे हैं।” उन्होंने पूछा कि जो पार्टी कभी झारखंड बनने के खिलाफ थी, आज वही झारखंड की सत्ता में भागीदार कैसे बन गई?
बयान में यह भी कहा गया कि झारखंड आंदोलनकारियों को आज जो पेंशन मिल रही है, वह उन दमन और गोलीकांड की दर्दनाक याद भी है, जिसे कांग्रेस ने जन्म दिया था।
तीरथ जमुदा, हरि चरण शांडिल और रानी बांदिया ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ें, ताकि गुवा और खरसावां के शहीदों का सच्चा सम्मान हो सके।