मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर डालसा द्वारा कार्यशाला का आयोजन

चाईबासा: जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), चाईबासा की ओर से रविवार को व्यवहार न्यायालय परिसर के सभागार में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) विषय पर जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नालसा, दिल्ली और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार आयोजित किया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मोटर दुर्घटनाओं में पीड़ित पक्ष को समय पर उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया को सरल बनाना और इसके विभिन्न पहलुओं पर सभी हितधारकों को जागरूक करना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मोटर दुर्घटना के मामलों में पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि अब एमएसीटी मामलों में कोर्ट फीस सिर्फ ₹10 निर्धारित है और नवीन संशोधन के अनुसार छह माह के भीतर मामले का निष्पादन अनिवार्य किया गया है।
प्रथम तकनीकी सत्र में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विनोद कुमार सिंह ने मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े कानूनी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारियों को समय पर दुर्घटना से संबंधित कागजात कोर्ट में प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने थानों से अपेक्षा जताई कि वे इस दिशा में और बेहतर काम करें।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमर बक्शी ने बताया कि 2019 की नियमावली के तहत दावा दायर करने के लिए अलग-अलग प्रपत्र निर्धारित हैं जिनका सही तरीके से प्रयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और पीड़ितों को राहत पहुंचाना होना चाहिए।
द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) अक्षत श्रीवास्तव ने AIR (Accident Information Report), FAR (First Accident Report) और DAR (Detailed Accident Report) की समयसीमा और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एयर और एफएआर 48 घंटे के भीतर जमा होनी चाहिए ताकि दावा प्रक्रिया में देरी न हो।
उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि दुर्घटना के बाद बीमा कंपनियों को सूचित करना और रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य है।
इसके बाद डीएसपी मुख्यालय बहमन टूटी ने फॉर्म 1 से 5 तक की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया और थाना प्रभारियों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें ताकि पीड़ितों को समय पर मुआवजा मिल सके।
कार्यशाला का संचालन डालसा के सचिव रवि चौधरी ने किया। इस अवसर पर जिला बार संघ के सचिव अगस्टिन कुल्लू, वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष मिश्रा, अमिताभ सरकार, मिली बिरुआ, नंदा सिन्हा, एमवीआई नीलसन तिर्की, कृष्णा सोरेन, डॉ. अंशुमन शर्मा, चीफ एलएडीसी सुरेंद्र प्रसाद, डिप्टी चीफ सुरेंद्र प्रसाद दास, सहायक एलएडीसी रत्नेश कुमार, डालसा के कर्मचारी, अधिकार मित्र, और बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने विषय से संबंधित जानकारी को उपयोगी बताया और भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।