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पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में हस्तक्षेप के विरोध में ‘हो’ समाज की अनुषंगी इकाइयां उतरेंगी सड़क पर, आक्रोश रैली को लेकर बनी रणनीति

 

चाईबासा: पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था और संवैधानिक पदों में प्रशासनिक हस्तक्षेप के विरोध में मानकी-मुण्डा कोल्हान-पोड़ाहाट केन्द्रीय समिति द्वारा प्रस्तावित आक्रोश रैली को लेकर ‘हो’ समाज महासभा की सभी अनुषंगी इकाइयों ने समर्थन देने की घोषणा की है। यह निर्णय सोमवार को हरिगुटू स्थित कला एवं संस्कृति भवन में आयोजित बैठक में लिया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि ‘हो’ समाज की प्रमुख पहचान मानी जाने वाली पारंपरिक व्यवस्थाएं—मानकी-मुण्डा, डाकुवा जैसे पदों पर जिला प्रशासन और सरकार की ओर से की जा रही छेड़छाड़ और उपेक्षा के खिलाफ सभी इकाइयों के प्रतिनिधि आक्रोश रैली में शामिल होंगे।

बैठक में महासभा केन्द्रीय समिति के उपाध्यक्ष बामिया बारी, संयुक्त सचिव छोटेलाल तामसोय, कोषाध्यक्ष चैतन्य कुंकल, युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, संयुक्त सचिव रवि बिरूली, महिला महासभा की अध्यक्ष अंजु सामड, उपाध्यक्ष नागेश्वरी जारिका, सचिव विमला हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष इंदुमति हेम्ब्रम, प्रदेश कोषाध्यक्ष शंकर सिदु, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा सहित बड़ी संख्या में ‘हो’ समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

सभी ने एकमत से कहा कि आदिवासी स्वशासन प्रणाली को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह रैली किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए है।

बैठक में समाज के युवाओं, महिलाओं और सेवानिवृत्त सदस्यों से भी अधिक से अधिक संख्या में रैली में भाग लेने की अपील की गई।

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