परसुडीह-बागबेड़ा की समस्याओं को लेकर भाजपा का धरना, अपराध और अवैध कारोबार पर कार्रवाई की मांग

जमशेदपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को टाटानगर स्टेशन चौक पर धरना-प्रदर्शन कर परसुडीह और बागबेड़ा क्षेत्र की गंभीर समस्याओं को सामने रखा। इस धरने में बागबेड़ा महानगर विकास समिति भी शामिल हुई। समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने कहा कि पंचायत क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, बड़ौदा घाट पर पुल निर्माण, ग्रामीण जलापूर्ति योजना और कॉलोनी जलापूर्ति योजना का काम शीघ्र शुरू करने की मांग को लेकर भाजपा के साथ मिलकर आंदोलन किया गया है, ताकि स्थानीय प्रशासन का ध्यान हजारों लोगों की समस्याओं की ओर आकृष्ट हो सके।
धरना में वक्ताओं ने कहा कि परसुडीह और बागबेड़ा क्षेत्र अपराध और अवैध नशे के कारोबार का गढ़ बनते जा रहे हैं। हत्या, चोरी और छिनतई की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है, वहीं शिकायत करने के बाद भी आरोपियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि स्टेशन चौक स्थित संकटा सिंह पेट्रोल पंप के पास ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के नाम पर बाइक चालकों से अवैध वसूली करती है।
धरने में क्षेत्र की जर्जर सड़कों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। भाजपा नेताओं ने कहा कि परसुडीह से गोविंदपुर तक सड़क की हालत बेहद खराब है। करनडीह फाटक और जुगसलाई ओवरब्रिज के पास सड़क खस्ताहाल है। जुगसलाई शिवघाट के पास कचरा डंपिंग यार्ड पूरी तरह भर चुका है, जिसके कारण अब गंदगी सड़कों पर फैलने लगी है। बिजली के खंभे जर्जर स्थिति में हैं और कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। नेताओं ने फिल्टर प्लांट के निर्माण कार्य में हो रही लापरवाही पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि काम कछुए की गति से चल रहा है।
धरने के दौरान भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कीताडीह दुर्गा पूजा मैदान के पास विशेष समुदाय द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। नेताओं ने आशंका जताई कि इससे क्षेत्र का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इसके अलावा जुगसलाई ओवरब्रिज के पास अवैध रूप से बिरयानी सेंटर चलाने और सड़कों पर अतिक्रमण कर दुकान लगाने की समस्या का भी मुद्दा उठाया गया।
इस धरने में भाजपा जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा, संजीव कुमार, आलोक बाजपेयी, सुबोध झा, अश्वनी तिवारी, नीतीश कुशवाहा, आनंद कुमार, प्रदीप मुखर्जी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं ,कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। भाजपा नेताओं ने कहा कि जब तक क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।