टाटानगर स्टेशन पर छत्तीसगढ़ से आए 130 श्रद्धालुओं को लंगर सेवा; प्रधान निशान सिंह बोले— “तीर्थयात्रियों की सेवा तीर्थदर्शन समान है” जमशेदपुर।सिख परंपरा में सेवा को सर्वोच्च धर्म माना गया है। इसी परंपरा को निभाते हुए रविवार देर रात साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार निशान सिंह के नेतृत्व में कमिटी के सदस्यों ने टाटानगर रेलवे स्टेशन पर छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं का सेवा सत्कार किया और उन्हें लंगर की सेवा प्रदान की। प्रधान सरदार निशान सिंह ने इस अवसर पर कहा कि तीर्थयात्रियों की सेवा करना भी किसी तीर्थदर्शन से कम नहीं है। सेवा भाव ही सबसे बड़ा धर्म है और यह भी एक प्रकार से वाहेगुरु के दर पर मत्था टेकने के समान है। सक्रिय और वरीय सदस्य परमजीत सिंह काले ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा कमिटी को सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ से लगभग 130 श्रद्धालुओं का जत्था तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब और राजगीर की तीर्थयात्रा हेतु रवाना हुआ है। इस पर साकची गुरुद्वारा की टीम तत्काल स्टेशन पहुँची और श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से तैयार लंगर सेवा उपलब्ध कराई। तीर्थयात्री जत्थे की अगुवाई कर रहे हरदीप सिंह राजा छाबड़ा और सरदार सुखबीर सिंह संयोत्रा एवं साथियों को शिरोपाओ दे कर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर प्रधान सरदार निशान सिंह के साथ कमिटी के वरीय सदस्य परमजीत सिंह काले, सिख नौजवान सभा के पूर्व प्रधान सतबीर सिंह सोमू, अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह, जसपाल सिंह जस्से, सतनाम सिंह घुम्मण, रणधीर सिंह, सुखविंदर सिंह निक्कू, प्रीतपाल सिंह, हरपाल सिंह सिद्धू, अमरपाल सिंह, बलदेव सिंह बब्बू, जगदीप सिंह, राजेश गांधी, नानक सिंह तथा बलबीर सिंह मौजूद रहे और श्रद्धालुओं की सेवा में सक्रिय रूप से शामिल हुए। मालूम हो कि, श्रद्धालुओं का यह जत्था सरदार हरदीप सिंह राजा छाबड़ा और सरदार सुखबीर सिंह संघ्होत्रा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ से रवाना हुआ। यह यात्रा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित है। श्रद्धालु दुर्ग–दानापुर एक्सप्रेस से टाटानगर होकर पटना साहिब और राजगीर के लिए यात्रा पर निकलें हैं।

जमशेदपुर।सिख परंपरा में सेवा को सर्वोच्च धर्म माना गया है। इसी परंपरा को निभाते हुए रविवार देर रात साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार निशान सिंह के नेतृत्व में कमिटी के सदस्यों ने टाटानगर रेलवे स्टेशन पर छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं का सेवा सत्कार किया और उन्हें लंगर की सेवा प्रदान की।
प्रधान सरदार निशान सिंह ने इस अवसर पर कहा कि तीर्थयात्रियों की सेवा करना भी किसी तीर्थदर्शन से कम नहीं है। सेवा भाव ही सबसे बड़ा धर्म है और यह भी एक प्रकार से वाहेगुरु के दर पर मत्था टेकने के समान है।
सक्रिय और वरीय सदस्य परमजीत सिंह काले ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा कमिटी को सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ से लगभग 130 श्रद्धालुओं का जत्था तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब और राजगीर की तीर्थयात्रा हेतु रवाना हुआ है। इस पर साकची गुरुद्वारा की टीम तत्काल स्टेशन पहुँची और श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से तैयार लंगर सेवा उपलब्ध कराई। तीर्थयात्री जत्थे की अगुवाई कर रहे हरदीप सिंह राजा छाबड़ा और सरदार सुखबीर सिंह संयोत्रा एवं साथियों को शिरोपाओ दे कर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर प्रधान सरदार निशान सिंह के साथ कमिटी के वरीय सदस्य परमजीत सिंह काले, सिख नौजवान सभा के पूर्व प्रधान सतबीर सिंह सोमू, अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह, जसपाल सिंह जस्से, सतनाम सिंह घुम्मण, रणधीर सिंह, सुखविंदर सिंह निक्कू, प्रीतपाल सिंह, हरपाल सिंह सिद्धू, अमरपाल सिंह, बलदेव सिंह बब्बू, जगदीप सिंह, राजेश गांधी, नानक सिंह तथा बलबीर सिंह मौजूद रहे और श्रद्धालुओं की सेवा में सक्रिय रूप से शामिल हुए।
मालूम हो कि, श्रद्धालुओं का यह जत्था सरदार हरदीप सिंह राजा छाबड़ा और सरदार सुखबीर सिंह संघ्होत्रा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ से रवाना हुआ। यह यात्रा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित है। श्रद्धालु दुर्ग–दानापुर एक्सप्रेस से टाटानगर होकर पटना साहिब और राजगीर के लिए यात्रा पर निकलें हैं।