सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि में एक वर्ष का विस्तार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया आदेश

रांची। झारखंड सरकार ने सहायक पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके सेवा काल को एक वर्ष के लिए अनुबंध के आधार पर बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। अब गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग इस निर्णय से संबंधित प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति हेतु मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्यभर में कार्यरत सहायक पुलिसकर्मियों में हर्ष का माहौल है। सहायक पुलिस बल का गठन मुख्य रूप से नक्सल प्रभावित और दूरदराज के इलाकों में सुरक्षा बलों को सहयोग देने के लिए किया गया था। ये पुलिसकर्मी अपने क्षेत्र की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों से भलीभांति परिचित होते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलती है।
बीते कुछ समय से सहायक पुलिसकर्मी अपनी सेवा अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। उनका कहना था कि वर्षों से सेवा देने के बावजूद उनके भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सेवा विस्तार से उन्हें अस्थायी ही सही, लेकिन राहत जरूर मिली है।
राज्य सरकार का मानना है कि सहायक पुलिस बल ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा अभियानों का अहम हिस्सा है। इनके अनुभव और स्थानीय जानकारी से पुलिस और अर्धसैनिक बलों को काफी सहयोग मिलता है। इसी कारण सरकार ने उनकी सेवाएं जारी रखने का निर्णय लिया है।
हालांकि, सहायक पुलिसकर्मियों की स्थायी नियुक्ति और उनके वेतनमान को लेकर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं। संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि सिर्फ एक वर्ष का विस्तार पर्याप्त नहीं है, बल्कि इन्हें स्थायी पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिलते ही सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा अवधि विस्तार का औपचारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा।
इस कदम को सरकार द्वारा सुरक्षा बलों के मनोबल को बनाए रखने और ग्रामीण इलाकों में स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।