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तंबाकू से मुक्ति के लिए एनसीसी कैडेटों को मिला प्रशिक्षण

 

चाईबासा। युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने और स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सिविल सर्जन डॉ. सुशांत कुमार माझी के निर्देशन में आयोजित हुआ, जिसमें एनसीसी कैडेटों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भारती मिंज ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर तंबाकू की लत छोड़ी जा सकती है। उन्होंने तंबाकू सेवन से जुड़ी बीमारियों जैसे बालों का झड़ना, मोतियाबिंद, दांतों की सड़न, फेफड़े का कैंसर, दिल की बीमारी, अल्सर, गैंग्रीन, अस्थमा और श्वसन रोगों पर प्रकाश डाला। साथ ही तंबाकू के सामाजिक और आर्थिक दुष्प्रभावों पर भी जानकारी दी।

सामाजिक कार्यकर्ता अनूप बागे ने युवाओं से स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोटपा अधिनियम 2003 और इसके संशोधित प्रावधान 2021 का सख्ती से पालन कर तंबाकू सेवन पर नियंत्रण पाया जा सकता है। श्री बागे ने युवाओं से तंबाकू से दूर रहने और समाज को इसके खिलाफ जागरूक करने की भी अपील की।

जिला परामर्शी मुक्ति बिरुआ ने सदर अस्पताल में संचालित तंबाकू निवारण केंद्र (टीसीसी) की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तंबाकू की लत से छुटकारा चाहने वाले लोग यहां उपचार प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 1800-11-2356 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने तंबाकू सेवन नहीं करने की शपथ ली। इस अवसर पर एनसीडी की जिला नोडल पदाधिकारी सिमिता जोजो, जिला कार्यक्रम सहायक विश्वनाथ हेम्ब्रोम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित रहे।

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