नहाए-खाए के साथ जितिया पर्व की शुरुआत

गुवा
। गुवा में महिलाओं का प्रमुख व्रत जितिया पर्व आज से पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शुरू हो गया। पर्व का आगाज नहाए-खाए की विधि से हुआ, जिसमें व्रती महिलाएं पवित्र नदी या कुएं-तालाब में स्नान कर शुद्ध-सात्विक भोजन करती हैं। इसी के साथ तीन दिवसीय पर्व की शुरुआत मानी जाती है। जिसमें पहला दिन आज शनिवार को नहाए-खाए है। इस दिन महिलाएं स्नान के बाद अरवा चावल, कद्दू, झिंगनी, मूली जैसी मौसमी सब्जियां और घी का शाकाहारी भोजन करती हैं। माना जाता है कि इस दिन किया गया भोजन ही अगले दिन के निर्जला उपवास की शक्ति देता है। दूसरे दिन रविवार को व्रती महिलाएं निर्जल उपवास रखती हैं। वे न जल ग्रहण करती हैं, न अन्न। पूरे दिन पूजा-अर्चना कर जमूतवाहन (जितमहापुरुष) की कथा सुनती हैं और अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना करती हैं। तीसरे दिन सोमवार को सुबह स्नान-ध्यान कर पूजा के बाद उपवास का पारण किया जाता है। इस दिन महिलाएं आमतौर पर पत्तेदार सब्जियों, चना, मूली और साग-पकवान का सेवन करती हैं।धार्मिक महत्व के अनुसार जितिया पर्व का महत्व विशेषकर मातृत्व से जुड़ा है। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य से संतान पर आने वाले संकट टल जाते हैं और उन्हें लंबी उम्र प्राप्त होती है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह पर्व अत्यंत आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाता है।