प्रतिबंधित ग्लाक पिस्टल के मामले में बन्ना गुप्ता पर विधि सम्मत कार्रवाई करे प्रशासन, विधायक सरयू राय ने DC को लिखा पत्र

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखकर 0.45 बोर की प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्टल रखने, बेचने और इसका लाइसेंस जारी करने वालों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि हाल ही में एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित “पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता की 18 लाख की प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्टल जब्त” शीर्षक समाचार का जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है, जो सराहनीय है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
सरयू राय ने कहा कि प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र रखना, बेचना या इसका लाइसेंस जारी करना, सभी दंडनीय अपराध हैं। इंडियन आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 के तहत इस अपराध के लिए न्यूनतम पांच वर्ष की सजा का प्रावधान है, जो दस वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार यह सजा सात वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की हो सकती है।
उन्होंने लिखा कि यह स्पष्ट है कि प्रतिबंधित पिस्तौल रखने वालों को कम से कम पांच वर्ष की कैद होगी, जिसे बढ़ाकर सात वर्ष या उससे अधिक किया जा सकता है। राय ने याद दिलाया कि उन्होंने 28 अप्रैल 2023 को भी इस मामले में उपायुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तब कोई कदम नहीं उठाया गया।
सरयू राय ने बताया कि इससे पहले भी उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, बंगाल के अपर मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिरीक्षक और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि तत्कालीन मंत्री बन्ना गुप्ता के पास प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्तौल है, जो कानूनन अपराध है। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने न केवल कार्रवाई नहीं की, बल्कि उन्हें इस प्रतिबंधित पिस्तौल का लाइसेंस भी जारी कर दिया।
अब जबकि यह पिस्तौल जब्त हो चुकी है, सरयू राय ने कहा कि प्रशासन को आर्म्स एक्ट के तहत इसके धारक, विक्रेता और लाइसेंस जारी करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की नज़र में सभी बराबर हैं और कोई भी व्यक्ति सिर्फ मंत्री होने के कारण सजा से मुक्त नहीं हो सकता।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन इस मामले में आर्म्स एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर अपनी कर्तव्यपरायणता का परिचय देगा।