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Ghatshila By-election 2025 : चंपई सोरेन और रामदास सोरेन के बेटे आमने-सामने, दांव पर BJP व JMM की साख

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर‌ : झारखंड की राजनीति में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। घाटशिला विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में दो दिग्गज राजनीतिक घरानों के बेटे आमने-सामने हैं। एक ओर हैं पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा – जेएमएम), तो दूसरी ओर हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कोल्हान क्षेत्र के कद्दावर नेता चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन (भारतीय जनता पार्टी – बीजेपी)। इस चुनाव में कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

यह उपचुनाव रामदास सोरेन के 15 अगस्त 2025 को निधन के बाद कराया जा रहा है। घाटशिला विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए आरक्षित है और पारंपरिक रूप से जेएमएम का गढ़ मानी जाती है। हालांकि, बीजेपी ने इस बार चंपई सोरेन के पुत्र को उतारकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।

घाटशिला में दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर

राज्य सरकार की स्थिरता पर इस उपचुनाव का कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन परिणाम से झारखंड की राजनीति का समीकरण जरूर प्रभावित होगा। घाटशिला कोल्हान क्षेत्र का अहम राजनीतिक केंद्र है, और यहां की जीत या हार दोनों दलों की साख के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बीजेपी का इतिहास: 2014 में मिली थी जीत

घाटशिला सीट पर बीजेपी ने अब तक केवल एक बार, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, जब लक्ष्मण टुडू ने बाजी मारी थी। इसके बाद 2019 में जेएमएम के रामदास सोरेन ने सीट पर कब्जा जमाया था।

निकटतम प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों का परिचय

* सोमेश सोरेन (जेएमएम):
पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। पिता की राजनीतिक विरासत और जेएमएम संगठन के मजबूत आधार पर जनता के बीच उतरे हैं।
* बाबूलाल सोरेन (बीजेपी):
पिछली बार के चुनाव में जेएमएम के रामदास सोरेन से हार चुके हैं। इस बार पिता चंपई सोरेन की राजनीतिक पकड़ और कोल्हान में बढ़ती बीजेपी की सक्रियता के भरोसे मैदान में हैं।

दोनों ही दल अपने-अपने स्तर पर बूथ प्रबंधन और जनसंपर्क अभियान तेज कर चुके हैं। घाटशिला की यह लड़ाई न सिर्फ दो युवाओं की राजनीतिक शुरुआत है, बल्कि यह मुकाबला दो सत्ताधारी परिवारों की प्रतिष्ठा का भी बन गया है। नतीजा जो भी हो, घाटशिला की यह जंग झारखंड की राजनीति में नए समीकरण तय कर सकती है।

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