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छठ महापर्व का पहला दिन नहाय खाय विशेष 2025

लेखक

आनंद शर्मा

ज्योतिष वास्तु तंत्र विशेषज्ञ

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कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि से आरम्भ होने वाले छठ महापर्व का पहला दिन होता हैँ इस दिन व्रत धारी माताएँ
विशुद्ध मन और तन से इस पर्व को विधिवत उठाती हैँ

 

इस दिन प्रसाद स्वरुप मे प्रयोग होने वाले गेहूं को धो कर
सुखाया जाता हैँ साथ ही विशेष पवित्र जल से स्नान करके लौकी, भात बनाया जाता हैँ
इसे बनाने मे चूल्हा से लेकर समस्त बर्तन का भी शुद्धता और
सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता हैँ

36 घंटे निर्जला उपवास को शुरू करने से पहले लौकी और भात का सेवन शरीर को ऊर्जा देकर तैयार करता हैँ जिसके कारण शरीर मे पोषक तत्व और पानी की कमी ना रहे
शरीर इस व्रत को करके के लिए तैयार रहे..

छठ के पावन गीतों के परिवार के साथ लौकी की सब्जी, चना दाल की बनी सब्जी और भात खाने का दिव्य आनंद शब्दों मे
बखान नहीं किया जा सकता
इसलिए दिव्या अनुभूति के लिए साल भर इंतजार रहता हैँ
यह पर्व स्वस्थ के लिए जरुरी चीज़े जैसे स्नान शरीर को बाहर से ठीक रखता हैँ और खाय यानि सही शुद्ध भोजन शरीर को अन्दर से ठीक रखता हैँ


सही दिनचर्या, सूर्योदय से पूर्व उठ कर सूर्य को ताम्बे के लोटे से सूर्य को जल देना अति शुभ और आरोग्य वर्धक होता हैँ
नहाय खाय जीवन के इस सन्देश को देता है

 

समस्त व्रत धारियों को इस नहाय खाय पर्व की शुभकामनायें
जय छठी मईया

 

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