घाटशिला उपचुनाव : सरकारी योजनाओं और विकास वादों के सहारे जीत की कोशिश में JMM और INDI गठबंधन
 
                                                News Lahar Reporter
घाटशिला (झारखंड) : घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नामांकन और प्रचार के बीच अब चुनावी रणनीति सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की उपलब्धियों पर केंद्रित होती दिख रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन के समर्थन में INDI गठबंधन के कई विधायक लगातार क्षेत्र में डोर-टू-डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं और सरकार की योजनाओं को जनता के बीच गिनवा रहे हैं।
INDIA गठबंधन का फोकस — “विकास और योजनाएं”
पोटका विधायक संजीव सरदार ने प्रचार के दौरान कहा कि क्षेत्र की जनता झामुमो के साथ है और इस बार जीत निश्चित है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की योजनाएं घर-घर तक पहुंच रही हैं और इसी विश्वास के कारण घाटशिला के मतदाता झामुमो को समर्थन देंगे।
वहीं खरसावां विधायक दशरथ गगराई ने और भी बड़ा दावा किया—
> “झामुमो के मुकाबले इस चुनाव में कोई नहीं है। 70 प्रतिशत वोट INDI गठबंधन को मिलेगा।”
रोज़गार और माइंस पुनः संचालन को लेकर बड़ा दावा
झामुमो उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने कहा कि घाटशिला क्षेत्र में रोजगार की समस्या को दूर करने के लिए पूर्व विधायक स्व. रामदास सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मिलकर बंद पड़े माइंस को खुलवाने की पहल की थी। इसके नतीजे भी सामने आए हैं—
* तीन बंद खदानों को दोबारा चालू किया जा चुका है
* इससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलना शुरू हुआ है
* अब बाकी माइंस को भी फिर से शुरू करने की प्रक्रिया जारी है
सोमेश सोरेन का कहना है कि आने वाले समय में घाटशिला को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और स्थानीय युवाओं का पलायन रुकेगा।
घाटशिला उपचुनाव में झामुमो और INDI गठबंधन ने चुनावी रणनीति को सरकारी योजनाओं, माइंस के पुनः संचालन और रोजगार के मुद्दे पर केंद्रित कर दिया है। अब देखना होगा कि ये दावे और वादे मतदाताओं को कितने प्रभावित करते हैं और वोटों में कितना बदल पाते हैं।


 
							 
							









