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घाटशिला उपचुनाव 2025 : भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन का एआई जनित पोस्ट फेसबुक पर वायरल, FIR दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस भाजपा नेताओं ने JMM आईटी सेल पर लगाया AI भ्रामक पोस्ट वायरल करने का आरोप

News Lahar Reporter

जमशेदपुर : घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक भ्रामक पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाया गया एक फर्जी पोस्ट फेसबुक पर वायरल करने के आरोप में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस पोस्ट को जान-बूझकर वायरल कर उम्मीदवार की छवि खराब करने और चुनावी माहौल प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। यह एआई जेनरेटेड पोस्ट 26 अक्टूबर को पहली बार फेसबुक पर डाली गई है।

भ्रामक पोस्ट वायरल होने के बाद जिला प्रशासन को शिकायत की गई। जांच में स्पष्ट हुआ कि पोस्ट एआई तकनीक से तैयार की गई थी और इसका उद्देश्य गलत संदेश फैलाना था। मामले की गंभीरता देखते हुए कार्रवाई की गई।

एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए फ्लाइंग स्क्वायड टीम नंबर-1 की मजिस्ट्रेट एवं गालूडीह सिंचाई प्रमंडल की कनीय अभियंता किरण सोरेन ने घाटशिला थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर निम्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है—

* आईटी एक्ट की धारा 66C
* **भारतीय दंड संहिता की धारा 300, 223, 356(2)
* **लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950

एफआईआर के बाद पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फेसबुक पर पोस्ट सबसे पहले किसने अपलोड की, और पोस्ट को किन-किन प्रोफाइल से शेयर किया गया।

पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान होते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निर्वाचन आयोग की सख्ती के बाद पहली FIR

गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने हाल ही में निर्देश जारी कर कहा था कि:

> “चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी व्यक्ति एआई जनित कंटेंट या भ्रामक सामग्री सोशल मीडिया पर प्रसारित करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।”

निर्देश जारी होने के बाद यह पहली FIR है।

भाजपा नेताओं ने विपक्षी आईटी सेल पर लगाए आरोप

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं ने यह शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि एआई जनरेटेड पोस्ट विपक्षी आईटी से द्वारा तैयार कर वायरल किया गया, जिसका मकसद चुनाव को प्रभावित करना है।
फर्जी खबरों और एआई जनित कंटेंट पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम सक्रिय, डिजिटल कंटेंट की ट्रैकिंग जारी है।

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