जमशेदपुर में गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व: भव्य नगर कीर्तन निकला, श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम
News Lahar Reporter
जमशेदपुर (झारखंड): गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व शहर में पूरे श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह सोनारी गुरुद्वारा से निकाले गए भव्य नगर कीर्तन ने पूरे शहर का वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। जुलूस विभिन्न प्रमुख मार्गों सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर होते हुए साक्षी गुरुद्वारा पहुंचकर सम्पन्न हुआ। रास्ते भर “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा।
हजारों श्रद्धालु शामिल, निहंग सिखों का गटका प्रदर्शन
नगर कीर्तन में शहरभर से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। पंज प्यारे की अगुवाई में निकले जुलूस में निहंग सिखों ने अपनी पारंपरिक गतका कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शबद-कीर्तन व भक्ति गीतों के साथ चलते हुए गुरु परंपरा का संदेश जन-जन तक पहुंचाते दिखे।
सेवा और लंगर की अलौकिक परंपरा
नगर कीर्तन के दौरान सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर और साक्षी सहित कई स्थानों पर श्रद्धालुओं और सामाजिक संगठनों की ओर से लंगर, फलों, ठंडे पेय और पानी की व्यवस्था की गई। कई स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं ने भी सेवा शिविर लगाकर गुरु नानक देव जी के संदेश “सेवा और समानता” को जीवन्त किया।
स्कूली बच्चों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में शहर के कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अनुशासन और उत्साह के साथ भाग लिया। विद्यार्थियों ने गुरु जी के उपदेश “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” को आत्मसात करते हुए नगर कीर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गुरु नानक देव जी के संदेशों की गूंज
श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु नानक देव जी का जीवन संदेश आज भी पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने सिखाया कि मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है और हर व्यक्ति में समानता का भाव होना चाहिए।
शहर में पूरे दिन भक्ति, सेवा और सद्भाव का अद्भुत संगम दिखाई दिया, जिसने प्रकाश पर्व को यादगार बना दिया।















