कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने कारो नदी में लगाई आस्था की डुबकी
News Lahar Reporter
गुवा
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ कारो नदी के तट पर उमड़ पड़ी। आस्था और श्रद्धा का अनुपम दृश्य देखने को मिला जब सुबह 3 बजे से ही गुवा बाजार स्थित कारो नदी में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचने लगे। महिलाएं, पुरुष, बच्चे सभी पारंपरिक वेशभूषा में भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना करते नजर आए। श्रद्धालुओं ने कागज और केले के छिलके से बनी छोटी नावों में दीप जलाकर नदी में प्रवाहित किया और अपने परिवार, समाज एवं देश की खुशहाली की कामना की। डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु कुसुम घाट स्थित शिव मंदिर पहुंचे, जहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर परिसर में भारी भीड़ के बावजूद श्रद्धालु कतारबद्ध होकर पूजा-अर्चना करते नजर आए। भक्तों ने भगवान शिव को दूध, बेलपत्र और गंगाजल अर्पित कर मंगल कामना की। पूरा वातावरण “हर हर महादेव” और “जय श्री हरि” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इस अवसर पर
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ महामंत्री सह समाजसेवी अन्तर्यामी महाकुड ने कहा कि विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक माह में विष्णु, योग निद्रा से जागते हैं। इस दौरान जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में दान-पुण्य और पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियों का वास होता है।

स्थानीय स्वयं सेवकों ने व्यवस्था संभाली और पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कारो नदी तट पर दीपों की रौशनी और श्रद्धा का दृश्य अत्यंत मनमोहक था। कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं ने आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।














