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राजनगर में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बोले – “आदिवासी समाज के गौरव को भाजपा ने दिया राष्ट्रीय पहचान”

News Lahar Reporter

सरायकेला-खरसावां, राजनगर: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार को राजनगर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आदिवासी समाज का इतिहास वीरता और बलिदान से भरा है, लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा उनके योगदान को दबाने का काम किया।

उन्होंने कहा कि “1770 में बाबा तिलका मांझी से लेकर वीर सिदो-कान्हू, भगवान बिरसा मुंडा, टाना भगत और तेलंगा खड़िया तक—इन वीरों के बिना स्वतंत्रता संग्राम की कल्पना अधूरी है। लेकिन कांग्रेस शासनकाल में इनके नाम स्कूली किताबों में भी नहीं मिलते।”

चंपाई सोरेन ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, तब झारखंड के आदिवासियों के संघर्ष को सम्मान मिला और झारखंड राज्य का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि “अटल जी ने 15 नवंबर, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन झारखंड राज्य की स्थापना कर आदिवासी अस्मिता को सम्मान दिया।”

उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया, जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना की और आदिवासी कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।

वर्तमान केंद्र सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बनीं। मोदी सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर आदिवासी नायकों को राष्ट्रीय पहचान दी।

उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में जनजातीय मामलों के मंत्रालय का बजट तीन गुना बढ़ा है। 2014 से पहले जहां केवल 123 एकलव्य विद्यालय थे, अब उनकी संख्या 715 हो गई है, जिनमें 1.32 लाख से अधिक आदिवासी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम जनमन योजना (जनजातीय न्याय महाअभियान) का बजट अब बढ़ाकर ₹1.24 लाख करोड़ किया गया है, जिससे कमजोर जनजातीय समूहों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।

अंत में उन्होंने कहा कि “15 नवंबर को पूरे राज्य में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर कार्यक्रम होंगे। अपनी अगली पीढ़ी को अपनी भाषा, संस्कृति और नायकों पर गर्व करना सिखाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

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