टाटा स्टील फाउंडेशन ने जमशेदपुर में संवाद 2025 की घोषणा की, झारखंड राज्य स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा जयंती को समर्पित
NEWS LAHAR REPORTER
जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन ने संवाद 2025 के 12वें संस्करण की घोषणा की है। यह महत्त्वपूर्ण जनजातीय महाकुंभ 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आयोजित होगा। इस वर्ष का आयोजन झारखंड के 25वें स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित है।
2,500 प्रतिभागी, 153 जनजातियाँ, 26 राज्य
2014 में शुरुआत के बाद संवाद अब तक भारत की 333 जनजातियों के 43,500 से अधिक लोगों को जोड़ चुका है। इस बार 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 153 जनजातियों के 2,500 प्रतिनिधि एक ही मंच पर जुटेंगे, जिससे लगभग 50 प्रतिशत जनजातीय प्रतिनिधित्व कवर होगा।
परंपरा के साथ शुरुआत
15 नवंबर की शाम 6 बजे कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड की जनजातीय समुदाय के बुजुर्गों और टाटा स्टील फाउंडेशन के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा किया जाएगा। संवाद की परंपरा के तहत नौ जनजातीय बच्चे भी इस उद्घाटन में शामिल होंगे, जो संवाद की पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाली विरासत को दर्शाते हैं।

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संवाद 2025 की प्रमुख विशेषताएँ
1. संवाद और सांस्कृतिक उत्सव
हर दिन सुबह विभिन्न स्थानों पर संवाद सत्र होंगे, जबकि शाम को गोपाल मैदान में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी।
51 स्टॉल जनजातीय हस्तशिल्प और 30 स्टॉल पारंपरिक उपचार पद्धतियों का प्रदर्शन करेंगे।
2. आतिथ्य – जनजातीय व्यंजन
इस बार 12 जनजातियों के 19 होम-कुक अपने पारंपरिक स्वाद पेश करेंगे।
खास बात यह कि ये व्यंजन जमशेदपुर में ज़ोमैटो पर भी उपलब्ध होंगे।
ज़ोमैटो काउंटर 15 नवंबर दोपहर 3 बजे से और 16–19 नवंबर तक रोजाना 3 से 9 बजे तक लाइव रहेगा।
3. परंपरागत उपचार – हीलर्स
12 राज्यों की 24 जनजातियों के पारंपरिक उपचारक 30 आउटलेट्स पर अपनी चिकित्सा पद्धतियाँ साझा करेंगे।
इस वर्ष जीवनशैली आधारित रोग, चिरोप्रैक्टिक केयर, बांझपन आदि प्रमुख विषय रहेंगे।
4. जनजातीय कला और हस्तशिल्प
18 राज्यों और 30 जनजातियों की 34 कला शैलियाँ प्रदर्शित होंगी।
होम डेकोर, पेंटिंग, टेक्सटाइल, आभूषण, ब्लू पॉटरी समेत कई कला रूप दर्शकों को आकर्षित करेंगे।
5. समुदाय के साथ – फिल्में
‘समुदाय के साथ’ पहल के तहत फिल्में जनजातीय पहचान और विकास की वैकल्पिक दृष्टि को सामने लाएँगी।
अब तक सात राष्ट्रीय लघु फिल्म प्रतियोगिताएँ हो चुकी हैं, जबकि आठवीं वर्तमान में जारी है।
250 से अधिक फिल्में प्राप्त हुई हैं और 46 फिल्मों को सम्मानित किया जा चुका है।
6. संवाद फेलोशिप
572 आवेदनों में से चुने गए 34 फेलो जमीनी स्तर पर सांस्कृतिक संरक्षण को आगे बढ़ा रहे हैं।
अब तक वे 70 प्रोजेक्ट तैयार कर चुके हैं। पाँच प्रोजेक्ट 2025 में जारी होंगे, जबकि पाँच फेलोशिप इस वर्ष दी जाएगी।
7. काती और सेक्कोर – जनजातीय खेल
हर दिन शाम 5 बजे गोपाल मैदान में काती और सेक्कोर के मैच होंगे।
इन खेलों का उद्देश्य जनजातीय खेल परंपराओं का संरक्षण और दर्शकों के साथ संवाद बढ़ाना है।












