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झारखंड विधानसभा की जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति ने परिसदन में किया जिला के पदाधिकारियों के साथ बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला में झारखंड विधानसभा की जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति के सभापति माननीय विधायक रामदास सोरेन, समिति के सदस्य सह माननीय विधायक जुगसलाई मंगल कालिंदी, समिति के सदस्य सह माननीय विधायक बहरागोड़ा समीर मोहंती ने जिले के पदाधिकारियों के साथ परिसदन में विभागीय योजनाओं में प्रगति की समीक्षा बैठक की । उप विकास आयुक्त मनीष कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम पीयूष सिन्हा, अपर उपायुक्त जयदीप तिग्गा, सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, निदेशक एनईपी श्रीमती ज्योत्सना सिंह समेत अन्य विभागीय पदाधिकारी मौजूद रहे ।

बैठक के क्रम में जिले के विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई तथा पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए । बैठक में समिति के सभापति द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में जिला परिषद की जमीन का विवरण मांगा गया, कहा कि जिला परिषद के आय का मुख्य स्रोत विभिन्न प्रखंडों में निर्मित मार्केट कॉम्प्लेक्स, विवाह मंडप एवं हाट-बाजार होते हैं । उन्होने वैसे जमीनों की भी सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जिसपर वर्तमान में जिला परिषद द्वारा कोई निर्माण नहीं किया गया है । 15वें वित्त से क्रियान्वित किए जा रहे योजनाओं की समीक्षा के साथ साथ कार्य प्रगति की जानकारी ली गई।

माननीय विधायक बहरागोड़ा द्वारा हाथियों के कारण जानमाल की क्षति नहीं हो इसके लिए कार्ययोजना बनाते हुए वन विभाग को कार्य करने का निदेश दिया गया। उन्होने कहा कि जिन क्षेत्रों में हाथियों का उत्पात ज्यादा रहता है उसे चिन्हित करते हुए जलाशय व ट्रेंच का निर्माण, बांस आदि का पौधारोपण करें जिससे हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोका जा सके। समीक्षा के दौरान जिला बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने विभाग द्वारा सावित्री बाई फूले किशोरी समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत लाभुकों को प्रदत्त लाभ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जिले में नल-जल योजना की प्रगति से संबंधित जानकारी दी। बैठक के दौरान झारखंड विधानसभा की जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति द्वारा लघु सिंचाई, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के तहत संचालित योजनाएं एवं कार्य प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

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