एनआईए की पूछताछ में नक्सली मोने तियू ने उगले अनेक राज,पूर्व विधायक गुरूचरण नायक के अंगरक्षक की हत्या कर हथियार लूटने में शामिल था……
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखण्ड: पश्चिम सिंहभूम जिला के पूर्व विधायक गुरूचरण नायक के बॉडीगार्ड की हत्या कर हथियार लूटने में शामिल नक्सली मोनू तियू से एनआईए पूछताछ की।एनआईए ब्रांच राँची में नक्सली मोने तियू को पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही हैं।इस दौरान मोने तियू ने अपने संगठन से अनेक जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि मोने तियू ने नक्सलियों को मदद करने वाले, आर्म्स सप्लायर्स, फाइनेंस और सदस्यों की जानकारी दी है। साथ ही दस्ता के उपलब्ध हथियार और भविष्य के प्लानिंग की भी जानकारी दी है।
मोने तियू पिछले वर्ष गोइलकेरा में हुए पूर्व विधायक गुरूचरण नायक के अंगरक्षक की हत्या कर हथियार लूट मामले में संलिप्त था।चाईबासा पुलिस ने बीते आठ अगस्त को नक्सली मोने तियू समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया था।इसके साथ ही गिरफ्तार तीन अन्य नक्सली बड़ाजामदा एवं नोवामुंडी क्षेत्र में हुए विस्फोटक लूटकांड में शामिल थे। सभी ने पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियां दी है और कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी।
बता दें घटना के दिन चार जनवरी 2022 की शाम झीलरुआं मैदान में आयोजित खेलकूद समारोह में शामिल पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था।उन्होंने भीड़ में शामिल होकर अपनी जान बचाई थी। नक्सलियों ने मैदान में मौजूद पूर्व विधायक के तीनों अंगरक्षकों को घेर लिया था।नायक के अंगरक्षक नक्सलियों से उलझ गए, लेकिन उनकी संख्या अधिक थी, जिससे वे हथियार लूटने में सफल रहे।नक्सलियों ने दो अंगरक्षकों शंकर नायक और ठाकुर हेम्ब्रम की हत्या कर दी। एक अंगरक्षक ने घायल अवस्था में भागकर अपनी जान बचाई थी।
एनआइए ने राँची शाखा में मिसिर बेसरा (एक करोड़ का इनामी), रघु,अश्विन, चंदन, मोछू, सुशांत, सागेन,कांडे होनहागा व सोनाराम होनहागा के विरुद्ध जुलाई महीने में प्राथमिकी दर्ज की थी।सभी आरोपित पश्चिम सिंहभूम के गोइलकेरा के हैं।झारखण्ड पुलिस के अनुसंधान में इस बात का खुलासा हो चुका है कि पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमले की योजना सुनियोजित थी।नक्सलियों का उद्देश्य पूर्व विधायक के अंगरक्षकों के हथियार लूटना था, जिसमें वे सफल हो गए।अंगरक्षकों ने विरोध कर दिया तो नक्सलियों ने दो अंगरक्षकों की हत्या कर दी। हालांकि, तीसरा अंगरक्षक भागने में सफल रहा था, नहीं तो नक्सली उसे भी मार देते। इस घटना में कुख्यात नक्सली मोछू के दस्ते का हाथ बताया गया था।