बिहार के मुख्यमंत्री ने अपने बयान पर माफी मांगी और स्वयं की निंदा

न्यूज़ लहर संवाददाता
बिहार :मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर पूरे राज्य में हंगामा मच गया है। उनकी निंदा हो रही है। सीएम नीतीश ने विधानसभा में आपत्तिजनक बयान दिया। उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।जिसको लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा के अन्दर और बाहर अपने बयान पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान से किसी को दुःख हुआ है तो वे माफ़ी मांग रहे हैं। साथ ही वे स्वयं का नींदा करते हैं। उनके माफी मांगने के बाद भी विधान सभा हंगामा होता रहा। जिसके कारण दोपहर दो बजे तक विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दिया गया है।
यहां बताते चलें कि, जाति आरक्षण आर्थिक सर्वे पर नीतीश कुमार ने महिलाओं की साक्षरता पर जोर देते हुए अजीबो गरीब बयान दिया। उन्होंने कहा, “शादी के बाद लड़का-लड़की रात में कमरे में जो करता है। उसी से बच्चा पैदा होता है। उनके इस बयान पर विधानसभा में मौजूद महिला विधायक असहज दिखीं। भाजपा ने नीतीश कुमार पर उनके इस बयान को लेकर निशाना साधा है और ये कहा है कि सीएम के मन में महिलाओं के प्रति कोई सम्मान का भाव नहीं दिखा।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को बिहार सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण का दायरा 50 से 75 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान उन्होंने जाति आधारित सर्वे के आंकड़ों पर भी बात रखी। इसी दौरान जनसंख्या नियंत्रण और महिला साक्षरता पर नीतीश कुमार ने ऐसा बयान दे दिया, जिससे ज्यादातर विधायक असहज नजर आए। हालांकि कुछ विधायक खिलखिलाकर हंसते भी नजर आए।
विधानसभा में अपनी बात रखने के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यदि लड़की पढ़ी लिखी रहेगी जो जनसंख्या नियंत्रण में रहेगी। इसी बात को समझाने के लिए नीतीश कुमार ने कहा कि- ‘शादी के बाद लड़का-लड़की रात में कमरे में करता है, उसी से बच्चा पैदा होता है।’
उन्होंने कहा कि बिहार में महिला साक्षरता सुधरी है, ये अब 51 से बढ़कर 73 फीसदी पर पहुंच गई है। इसके अलावा मैट्रिक पास लड़कियों की संख्या भी बढ़कर 24 से 55 लाख से ऊपर पहुंच गई है। इंटर पास लड़कियां की संख्या जो कभी 12 लाख के आसपास थी, अब वह 42 लाख है। ग्रेजुएट महिलाओं की संख्या भी 4 लाख से 35 लाख हो गई है।
विधानसभा में नीतीश कुमार के अजीबो गरीब बयान पर भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा नेता विधायक निक्की हेम्बरम ने नीतीश कुमार के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने जो कहा वह मर्यादित तरीके से कहा जा सकता था, लेकिन उन्होंने महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता जताई। इसके अलावा भाजपा नेता तारा किशोर प्रसाद ने कहा कि सीएम इस बात को अच्छी तरह से कह सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष का कहना है, “एनसीडब्ल्यू इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से सीएम नीतीश कुमार से तत्काल और स्पष्ट माफी की मांग करती है। विधानसभा में उनकी अशोभनीय टिप्पणी अपमानजनक है।” उस गरिमा और सम्मान के लिए जिसकी हर महिला हकदार है।
उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है। अगर कोई नेता लोकतंत्र में इतनी खुलेआम ऐसी टिप्पणियां कर सकता है, तो कोई केवल कल्पना कर सकता है कि राज्य कितना भयावह होगा उनके नेतृत्व में सहनशील। हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और जवाबदेही की मांग करते हैं।