यह कोई प्लेटफॉर्म नहीं है कि जो भी ट्रेन आई, बस आप चढ़ गए, CJI ने वकील को…*
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली:नियमों की अवहेलना करने का ऐसा ही नतीजा होता है। Supreme Court ने एक वकील साहब को ऐसी डांट लगाई कि अखिल ठिकाने आ गई। हुआ कुछ यूं कि एक वकील साहब ने न आव देखा न ताव, बिना किसी पूर्व सूचना के सुप्रीम कोर्ट के CJI चंद्रचूड़ की बेंच के सामने एक मामले को मेंशन करने की कोशिश की।
नियमों की अवहेलना करने का ऐसा ही नतीजा होता है। Supreme Court ने एक वकील साहब को ऐसी डांट लगाई कि अखिल ठिकाने आ गई। हुआ कुछ यूं कि एक वकील साहब ने न आव देखा न ताव, बिना किसी पूर्व सूचना के सुप्रीम कोर्ट के CJI चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) की बेंच के सामने एक मामले को मेंशन करने की कोशिश की।
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई
तीन जजों की बेंच ने जुर्माना लगाने की बात कही
बात यहीं समाप्त नहीं हुई
वकील साहब की मांग थी कि ‘न्यायपालिका में सुधार’ का मामला कोर्ट में लिस्ट किया जाए। बिना अपनी बारी के आए, यूं अचानक मामले को आगे बढ़ाने पर पीठ ने सख्ती दिखाई।
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई
देश के मुख्य न्यायधीश DY चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि ये कोई Platform नहीं है कि जो भी ट्रेन आई, बस आप चढ़ गए। यह पूरा वाकया CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने हुआ, अदालत ने वकील को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने के लिए कोर्ट जुर्माना (Court Fine) भी लगाएगी।
वकील साहब ने अदालत के सामने अपनी बात रखनी चाही कि उनकी दरअसल याचिका ये है। अदालत का कहना था कि क्या ये मामला इस बेंच के सामने लगा था, अगर नहीं तो आप अचानक दोपहर 12 बजे कैसे इसकी मांग कर सकते हैं?
तीन जजों की बेंच ने जुर्माना लगाने की बात कही
वकील साहब थोड़े बचाव की मुद्रा में आए। उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका के खिलाफ नहीं हैं, उसका अनादर नहीं करते। अभी वह अपनी बात और पूरी कह पाते कि CJI ने कह दिया कि ये यह मुद्दा है ही नहीं कि आप न्यायपालिका के खिलाफ हैं या नहीं? मुद्दा ये है कि आप बिना केस मेंशन हुए यूं एकाएक कैसे अदालत के सामने मामले को लिस्ट लिस्ट करने की गुहार लगा सकते हैं।
तीन जजों की बेंच ने जुर्माना लगाने की बात कही है जो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को भरना होगा।
बात यहीं समाप्त नहीं हुई
बात यहीं समाप्त नहीं हुई। अदालत ने वकील से जानना चाहा कि क्या वह सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। पता चला कि वकील साहब दिल्ली उच्च न्यायालय में Practice करते हैं। इस पर Supreme Court ने पूछा कि तो क्या आप वहां यूं ही खड़े हो कर अपनी याचिका मेंशन कर देते हैं कोर्ट ने वकील साहब से आखिरकार यह कहते हुए बात खत्म की कि आप किसी वरिष्ठ वकील से समझिए कि सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) के सामने कोई मामला किस तरह मेंशन किया जाता है।