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डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में स्कली बच्चों को धनुर्विद्या (आर्चरी )का प्रशिक्षण दी जाएगी सारंडा में बहुमुखी प्रतिमा के धनी बच्चों में आर्चरी एक उभरती हुई प्रतिभा है -प्राचार्या उषा राय

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में स्कली
बच्चों को स्कूल के प्राचार्या उषा राय ने बताया कि धनुर्विद्या (आर्चरी )का प्रशिक्षण का शुरुआत विद्यालय में किया जा रहा है। ।इस अवसर पर गुवा साई गांव के प्रशिक्षक मंगल सिंह पूर्ति के द्वारा बच्चों को आर्चरी के बारे में जानकारी दी गई । पहली बार विद्यालय स्तर पर आर्चरी शिक्षा मिलने की सूचना से बच्चों में विशेष उत्साह एवं हर्ष देखा जा रहा है।क्षेत्र के समाजसेवी साधु चरण सिद्धू एवं गौतम पाठक के प्रयासों से आगे भी निरंतर बच्चों को आर्चरी की शिक्षा दी ।स्कूल की प्राचार्या उषा राय ने कहा कि सारंडा में बहुमुखी प्रतिमा के धनी बच्चों में आर्चरी एक उभरती हुई प्रतिभा है,जिसे अगर तराशा जाए तो बच्चे भारत देश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला सकते हैं । प्राचार्या उषा राय ने आगे कहा कि गुवा माईंस के डीएवी के बच्चों को आर्चरी के साथ -साथ आदिवासी संस्कृति आधारित नृत्य गीत एवं मांदर एवं मृंदग वादन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा । प्रशिक्षक मंगल सिंह पूर्ति के अनुसार
सच्चाई यह है कि निश्चित लक्ष्य पर धनुष की सहायता से बाण चलाने की कला को धनुर्विद्या कहते हैं। विधिवत् युद्ध का यह सबसे प्राचीन तरीका माना जाता है। धनुर्विद्या बहुत प्राचीन काल लोगो के बीच लोकप्रिय शिक्षा बनी रही है ।समाजसेवी साधु चरण सिद्धू ने कहा कि आर्चरी विद्या भारत से ईरान होते हुए यूनान और अरब देशों में पहुँची थी ।उल्लेखनीय है कि सारंडा के मेघाहातुबुरु एवं चिड़िया माईस क्षेत्र के बच्चों देश की कीर्ति राष्ट्रीय स्तर पर अर्चरी में बनाई है।

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