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डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में महात्मा हंसराज की जयंती मनी महात्मा हंसराज के आदर्श, उनकी ईमानदारी व उनके त्याग से बच्चों को प्रेरणा लेनी चाहिए तपस्वी शिक्षाविद महात्मा हंसराज का डीएवी के शैक्षिक जगत में बहुत बड़ा योगदान रहा है – प्राचार्या उषा राय

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में महात्मा हंसराज की जयंती पूरे हर्षो उल्लास के साथ स्कूली बच्चों एवं शिक्षकों ने स्कूल की प्राचार्या उषा राय की अध्यक्षता में मनाया गया। सर्व प्रथम स्कूल के प्रार्थना सभा में महात्मा हंसराज के चित्र मार्ल्यापण एवं पुष्प अर्पित कर सभी शिक्षकों एवं बच्चों ने उन्हें नमन किया ।पुष्प अर्पण करते हुए शिक्षकों एवं बच्चों ने इस बात का गर्व महसूस किया महात्मा हंसराज ने सर्वप्रथम डीएवी संस्था की स्थापना की थी । डीएवी गुवा की
प्राचार्या उषा राय ने बच्चों की प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 19 अप्रैल 1864 को होशियारपुर जिलान्तर्गत बजवाड़ा नामक गाँव में
डीएवी के संस्थापक प्राचार्य महात्मा हंसराज का प्रादुर्भाव हुआ था ।

1885 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए करने के उपरांत सरकारी नौकरी करने के बजाय दयानंद स्कूल अथवा दयानंद कॉलेज स्थापित करने का उन्होंने विचार किया। लाल लाजपतराय, पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी और भाई परमानंद आदि के सहयोग से 1 जून 1886 को आर्यसमाज, लाहौर के भवन में पहला डी ए वी स्कूल खुला जो कालांतर में शिक्षा जगत का एक विशाल वट वृक्ष बना और उसके अवैतनिक संस्थापक व पहला प्राचार्य महात्मा हंसराज बने।आज करीब 900 से अधिक डी ए वी विद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षा के चत्वर पर खड़े हैं । प्राचार्या उषा राय ने
बच्चों को महात्मा हंसराज जी के आदर्श, उनकी ईमानदारी, उनके त्याग को अपनाने की प्रेरणा दी ।

कार्यक्रम का मंच संचालन कर रहे शिक्षक राजवीर सिंह, पीके आचार्या एवं आशुतोष शास्त्री ने अपने अपने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान महात्मा हंसराज और स्वामी श्रद्धानंद ने दी है उसके लिए डीएवी संस्था के द्वारा वे सदैव याद किए जाते रहेंगे। दोनों महात्माओं ने अपनी सारी शक्ति से देश के नवयुवकों में राष्ट्रीयता, समाज सेवा एवं समाज सुधार का बीजारोपण किया है।


स्कूली बच्चों में हिन्दी में अन्वेशा साहू एवं अंग्रेजी में ऋधिमा सिंह ने महात्मा हंसराज जी विचार रखे । छात्रा मुस्कान गुच्छैत ने क्वीज के माध्यम बच्चो महात्मा हंसराज के बारे में बच्चों को बताया।
कार्यक्रम के समायोजन में अनन्त कु उपाध्याय,अरविन्दों साहू, शशिभूषण तिवारी, विकास मिश्रा, एस के पाण्डेय, संजीव सिन्हा, जय मंगल साव, अंजन सेन, विनोद कु साहू, बाल गोपाल सिंह, योगेन्द्र त्रिपाठी, पुष्पांजलि नायक, अनिरुद्ध दत्ता, अनिशा राय चौधरी, ज्योति सिन्हा, अनीला एक्का, ऋषिकेश कुमार व अन्य का अग्रणी योगदान रहा।

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