सुशील देवी हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा:कर्ज, लालच और खूनी रंजिश की कहानी, जिससे पूरा रामगढ़ रह गया सन्न….जानें, पूरा मामला…
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखण्ड : रामगढ़ में बुजुर्ग महिला की हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है।चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।बताया जाता है कि कर्ज बोझ बना तो बहन की सास की हत्या कर जेवरात और नकद लूट लिये। इतना ही नहीं शातिरों ने साक्ष्य मिटाने के लिए घर में आग दी। बहू की बहन के पति के 3 साथियों ने मिल कर घटना को अंजाम दिया था।इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।इनके पास लूट के जेवर, कार, स्कूटी, सीसीटीवी का डीवीआर और हत्या के दौरान पहने गए कपड़े बरामद किये गये हैं।
रामगढ़ थाना क्षेत्र के विद्यानगर में रिटायर्ड रेलवे कर्मी असर्फी प्रसाद की पत्नी सुशीला देवी हत्याकांड लूट व आगजनी घटना का खुलासा रामगढ़ पुलिस ने कर दिया है।इसमें सुशीला देवी की बहू की बड़ी बहन उसके पति व 3 साथियों की मदद से पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था। इस घटना को अंजाम देने का मुख्य कारण बहू की बड़ी बहन व पति की आर्थिक तंगी थी। सुशीला की बहू और उसकी बहन में पहले से अनबन थी और जब आर्थिक तंगी हुई तब पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए साजिश रची दी गई।
रामगढ़ पुलिस अधीक्षक डॉ. विमल कुमार ने सोमवार को बताया कि गुप्त सूचना पर तकनीकि एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर करीब 72 घंटे में इस कांड का खुलासा कर लिया गया।इस कांड में शामिल मुख्य साजिशकर्ता कुमारी स्नेहा और उनके पति आरिफ नैयर उर्फ आर्या के अलावा कांड में शामिल एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया।गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के क्रम में उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इस कांड के दो आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
एसपी डॉ. विमल कुमार ने बताया कि इसके बाद उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू, लूटे गये जेवर, वारदात में इस्तेमाल वाहन, मोबाइल फोन, घटना के समय पहने गये जूते, सीसीटीवी का डीवीआर समेत अन्य सामान बरामद किये गये।घटना के पीछे का मूल कारण इनकी आर्थिक तंगी और बहुत आसानी से सुशीला देवी के घर से भारी मात्रा में जेवर और कैश मिलने की संभावना थी।इसके अलावा आपसी रंजिश और बदले की भावना से सुशीला देवी की बहू की बहन और उसके दूसरे पति के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया गया।इसके बाद साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था।
आर्थिक तंगी और बदले की भावना छोटी बहन के संपन्न परिवार के लिए बना काल
कुमारी स्नेहा उर्फ रिंकी की पहली शादी 2011 में हुई थी और इससे पूर्व भी आरिफ से उसका संपर्क था।पहले पति से स्नेहा को एक बेटी है, इस बीच आपसी विवाद में दोनों के बीच तलाक हो गया और 2022 में अपने पहले प्यार आरिफ नैयर उर्फ आर्या से शादी कर ली।फिर इन लोगों ने पहले सैलून फिर कपड़े की दुकान और रेस्त्रां समेत कई तरह का व्यवसाय किया लेकिन हर व्यवसाय में इन्हें घाटा लगा और बैंक का कर्ज 40 लाख से ऊपर का हो गया।
स्नेहा की बेटी एक निजी स्कूल में पढ़ती थी फीस नहीं देने के कारण उसका रिजल्ट भी नहीं मिला और उसका रि-एडमिशन भी अगली कक्षा में नहीं हुआ।जिसके कारण स्नेहा और आरिफ आर्थिक तंगी में थे।इसी बीच स्नेहा की नजर अपनी छोटी बहन के ससुराल पर पड़ी, उनका घर और रहन-सहन देखकर उन्हें लगा कि कर्ज उतारने का इससे अच्छा उपाय कुछ नहीं है।इसके बाद एक प्लानिंग के तहत पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए ये लोग तैयार हुए और पूरी घटना को अंजाम दिया।
क्या हुआ था गुरुवार 30 मई को
29 मई को राँची से सिकदरी की ओर से गोला होते हुए पांचों कार से सुशीला देवी के घर के पास पहुंचे थे।स्नेहा के चार महीने का बच्चा रोने लगा, जिस कारण उस दिन घटना को अंजाम नहीं दिया और वे लोग चितरपुर में अफसर नामक युवक के घर पर रुक गए।इसके बाद 30 तारीख को बच्चे को वहीं छोड़कर पांचों रामगढ़ पहुंचे। इसके बाद सुशीला देवी के घर के बाहर घात लगाए बैठे रहे और काम करने वाली दाई के बाहर जाने का इंतजार किया।
इसके बाद 30 मई की दोपहर को जैसे ही दाई काम करके वापस गई वैसे ही स्नेहा और उसका पति आर्या कॉल बेल बजाकर सुशीला को अपनी पहचान बताई। सुशीला देवी ने दरवाजा खोला और स्नेहा और आर्या ने अन्य तीन लोगों को घर के अंदर बुला लिया।फिर इन लोगों ने मिलकर सुशीला देवी की हत्या की और फिर सभी कमरों की तलाशी ली और जेवरात सहित नकद लूट लिये।इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए एक कमरे में आग लगा दी, फिर वे लोग गली से एक-एक करके सुशीला देवी के घर से निकले और किनारे खड़ी कार में बैठकर फरार हो गए, साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से सीसीसीटीव के डीवीआर को चितरपुर के कांची नदी में पत्थर बांधकर फेंक दिया।जिसे पुलिस ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नदी से निकाला।
कौन गिरफ्तार और क्या बरामद हुआ
कुमारी स्नेहा उर्फ रिंकी (पति आरिफ नैयर), आरिफ नैयर उर्फ आर्या (पिता शकील नैयर), दोनों साकिन हिंदपीढ़ी, थाना कोतवाली, जिला- राँची के रहने वाले हैं।अफसर अली (उम्र करीब 21 वर्ष) पिता- अकबर अली, सा०- रहमत नगर चितरपुर थाना रजरप्पा, जिला- रामगढ़ का रहने वाला है। इनके पास से जब्त सामान में हत्या में इस्तेमाल चाकू, लूटे गये जेवर में सोने के कान की बाली 02, टॉप्स 04, मंगलसूत्र का लॉकेट 01, नाक का बेसर 01, और एक जोड़ी चांदी की पायल शामिल है।इसके साथ ही वारदात में इस्तेमाल कार और स्कूटी के साथ-साथ सुशीला देवी के घर का सीसीटीवी का डीवीआर, तीन एन्ड्रॉयड मोबाइल फोन और घटना के दौरान पहने गये कपडे और ग्लब्स के अवशेष शामिल है।