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जमशेदपुर: झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर चुनावी फंड में हेराफेरी का लगाया आरोप, निष्कासन की मांग

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला से झामुमो के लोकसभा प्रत्याशी सह बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर कांग्रेस के पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर चुनावी फंड में हेराफेरी एवं जानबूझकर कई बूथों पर एजेंटों को न बैठाकर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया तथा जिलाध्यक्ष के अविलंब निष्कासन की मांग की। श्री मोहंती ने यह शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से की है और इसकी कॉपी मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झामुमो के महासचिव बिनोद पांडेय को भी दी है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हम सभी झामुमो के नेता एवं कार्यकर्ता भलीभांति इस तथ्य से परिचित थे कि हालिया संपादित लोकसभा चुनाव महज चुनाव न होकर हम सबों के लिये संविधान बचाने एवं अपने नेता हेमंत सोरेन को झूठे केस और जेल से बाहर निकालने के लिये किसी लड़ाई से कम नहीं थी। ऐसे में इंडिया गठबंधन द्वारा जमशेदपुर से झामुमो प्रत्याशी के तौर पर मुझे (समीर मोहंती को) यह जिम्मेदारी दी गई थी कि मैं यह सीट जीतकर गठबंधन को और मजबूती दूं। श्री मोहंती ने अपने पत्र में लिखा है कि चुनावी रणनीति के तहत जमशेदपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के तमाम बूथों के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी समीर मोहंती ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को सौंपा।

समीर मोहंती ने बताया है कि उन्होंने चुनाव प्रबंधन के लिए प्रति बूथ 6000 रुपये की दर से बूथ खर्च, कार्यक्रम और रैली के लिये उन्हें लगभग 25 लाख रूपये भी दिये। उनका कर्तव्य था कि वो गठबंधन धर्म का पालन करते हुये तमाम सहयोगी पार्टियों के कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुये आगे बढ़ते, पर उन्होंने (कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे) ने झामुमो के कार्यकर्ताओं की सरासर अनदेखी की, जिसके कारण बाद में असंतुष्ट झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच समीर मोहंती को अतिरिक्त राशि का इंतजाम करना पड़ा। उन्होंने यह भी पत्र में लिखा है कि मतदान के दिन सुबह-सुबह जब वे क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस बात का पता चला कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के अधिकतर बूथों पर हमारे (इंडिया गठबंधन) एजेंट तक नहीं बैठे थे, तब उन्होंने (समीर मोहंती) कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे की लापरवाही एवं गठबंधन विरोधी गतिविधियों का अहसास हुआ। अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि उन्हें (आनंद बिहारी दुबे को) बूथ-खर्च के मद में प्रति बूथ 6000 रुपये दिये गये थे पर उनके (आनंद बिहारी दुबे) द्वारा 2000 रुपये निकालकर प्रति बूथ केवल 4000 रुपये ही बांटे गये। पत्र में यह लिखा गया है कि इसमें भी अधिकतर बूथों में ना ही रुपए दिए गए और ना ही बूथ कमेटी को बैठाया गया, जो काफी दुःख का विषय है।

 

समीर मोहंती ने दुखी होकर बताया है कि चुनाव में जीत-हार अपनी जगह हैं, किसी विधानसभा से आगे या पीछे होना भी अलग बात है, पर कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के जिलाध्यक्ष के पद पर होकर ऐसी ओछी हरकत करना, पूरे संगठन को कलंकित करने जैसा है। जमशेदपुर लोकसभा में जीत हार मायने तो रखता ही है परंतु दुख इस बात की है कि पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से हमें 1.04 लाख से ज्यादा मतों से मात खानी पड़ी क्योंकि ज्यादातर बूथों पर बूथ एजेंट तक नहीं थे। मतदान के दिन बूथों पर एजेंट का नहीं होना एवं कैम्प की घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता का मामला है तथा संगठन के लिये चिंतन एवं जांच का विषय है। श्री मोहती ने झामुमो और कांग्रेस के आला नेताओं से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाये एवं जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर उनपर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये। सनद रहे कि आगामी विधानसभा चुनाव में अब चंद महीने ही बचें हैं, अगर हमने वक्त रहते अपने-अपने संगठन से ऐसे दागी लोगों को नहीं हटाया तो आगे और दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

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