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दिल्ली में भारी बारिश, सड़कों पर आई बाढ़, जल मंत्री से लेकर सांसद तक के बंगलों में जलजमाव,इन राज्यों में आज बारिश का अनुमान

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में गुरुवार-शुक्रवार को भारी बारिश की वजह से सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए। सड़कों पर 4 से 5 फीट पानी भरने से कारें डूब गईं। सड़कों पर नाव चलीं और कई इलाकों में ट्रैफिक प्रभावित हुआ। यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए। IMD ने बताया कि दिल्ली में गुरुवार सुबह 8:30 बजे से शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तक, यानी 24 घंटे में 228 Mm बारिश हुई। यहां 88 साल बाद जून महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले जून 1936 में 24 घंटे में 235.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

दिल्ली-एनसीआर में बारिश से राहत मिली है तो दूसरी तरफ सड़कों से लेकर घरों तक में पानी भरने से वीवीआईपी तक की टेंशन बढ़ गई है। लुटियंस दिल्ली में सांसदों और मंत्रियों के बंगलों में पानी भर गया है। कई जगह रातभर बिजली गायब रही और लोगों को अंधेरे में रात काटनी पड़ी। सुबह नेता जब संसद सत्र में शामिल होने के लिए घरों से निकले तो हालात से जूझते देखे गए हैं। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी से लेकर सपा सांसद रामगोपाल यादव, प्रोटेम स्पीकर रहे भर्तृहरि महताब, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और नीति आयोग के मेंबर विनोद कुमार पॉल के बंगले में भी जलजमाव देखा गया है।


बारिश की वजह से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर पिकअप-ड्रॉप एरिया की छत और सपोर्टिंग पिलर गिर गई। इसमें कई कारें दब गईं। कार में बैठे एक कैब ड्राइवर की पिलर की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। 8 लोग घायल हुए हैं। फ्लाइट ऑपरेशन बंद हैं।
उधर, मौसम विभाग ने आज दिल्ली समेत 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार, ओडिशा, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात और केरल शामिल हैं। मानसून ने उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और बिहार को शुक्रवार सुबह पूरी तरह से कवर लिया। मानसून ने आज हरियाणा में एंटी ले ली है। वहीं, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी आगे बढ़ गया।

दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले, यानी 30 मई को ही मानसून पहुंच गया था और कई राज्यों को कवर भी कर गया। फिर 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। 6 जून को मानसून ने महाराष्ट्र में एंट्री ली और 11 जून को गुजरात में दाखिल हुआ। मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था।
18 जून तक मानसून महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद मानसून रुका रहा। 21 जून को मानसून डिंडौरी के रास्ते मध्य प्रदेश पहुंचा और 23 जून को गुजरात में आगे बढ़ा। 25 जून को मानसून ने राजस्थान में एंट्री ली और मध्य प्रदेश के आधे के ज्यादा क्षेत्र को कवर कर लिया। 25 जून की ही रात मानूसन ललितपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। 26 जून को मानसून MP और UP में आगे बढ़ा। 27 जून को मानसून उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी पंजाब में दाखिल हुआ। 28 जून को मानसून ने दिल्ली और हरियाणा में एंट्री ली।

दक्षिण-पश्चिमी मानसून 11 जून से ही पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में रुका हुआ था। बीते कुछ दिनों में मानसून बिहार के कुछ हिस्सों और झारखंड में आगे बढ़ा है। हालांकि पश्चिम बंगाल में अब तक मानसून रुका हुआ है। 27 से 30 जून तक मानसून दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में एंट्री ले सकता है और 3 जुलाई तक दिल्ली को पूरी तरह कवर कर लेगा। 5 से 8 जुलाई तक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान पूरी तरह कवर हो जाएंगे।मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत (LPA) से कम रहेगा।

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