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आज से पुरे देश में लागु हुए तीनों नए कानून: दुष्कर्म में फांसी, अब किसी भी थाने में दर्ज करा सकेंगे FIR, नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला दर्ज

न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: देशभर में आज से लागू हो चुके नए कानून के तहत राजधानी दिल्ली में पहला मामला दर्ज हो गया है। यह मामला दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत यह मामला एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ दर्ज किया गया है। खुद पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस FIR में वेंडर के खिलाफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे बिक्री करने और बाधा डालने के आरोप लगाया गया है।

SI कार्तिक मीणा ने स्ट्रीट वेंडर पकंज कुमार के खिलाफ शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वे पेट्रोलिंग पर थे। इस दौरान जब वे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां फुट ब्रिज के पास डीलक्स शौचालय के आस-पास एरिया का जायजा ले रहे थे तो पकंज की रेहड़ी नजर आई। पंकज अपनी रेहड़ी पर पानी, बीड़ी, सिगरेट बेच रहा था, लेकिन यह रेहड़ी उसने आने जाने वाले रास्ते पर लगाई हुई थी। उसकी रेहड़ी के कारण लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही थी। सब इंस्पेक्टर ने उसे रेहड़ी हटाकर कहीं और लगाने के लिए कहा, लेकिन पंकज अपनी बात कहकर उनकी अनदेखी करके चला गया। इस बर्ताव के चलते उन्होंने रेहड़ी मालिक के खिलाफ थाने में FIR दर्ज कर ली।

बता दें कि अब से एफआईआर अलग तरीके से लिखी जाएगी। धारा के साथ बीएनएस के तहत लिखना होगा। भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत एफआईआर दर्ज रात 12 बजे के बाद सभी मामलों की एफआईआर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएन एन एस) की धारा 173 के तहत दर्ज कर ली गई। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 154 के अंतर्गत नहीं।

आज से पूरे देश में तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गए है। इसके साथ ही अंग्रेजों द्वारा बनाए गए तीनों पुराने कानून इंडियन पीनल कोड 1860, क्रिमनल प्रोजीसर कोड (CrPC) 1898, 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट 1872 कानून समाप्त हो गए।

आतंकवाद के किस अपराध के लिए कितनी सजा…

. आतंकी गतिविधि से मौत होने पर मौत की सजा के अलावा उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान।
. आतंकी साजिश रचने, कोशिश करने या आतंकी की मदद करने पर पांच साल से लेकर उम्रकैद की सजा और जुर्माना।
. आतंकी संगठन से जुड़ने पर उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान।
. आतंकी को जानबूझकर छिपाने पर तीन साल से उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान
अपराध एवं दंड को किया गया परिभाषित और पुनर्परिभाषित…
. छीनाझपटी एक संज्ञेय, गैर जमानती और गैर शमनीय अपराध (बीएनएस धारा-304)
. आतंकवादी कृत्य की परिभाषा: इसमें ऐसे कृत्य शामिल हैं जो भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं या किसी समूह में आतंक फैलाते हैं (बीएनएस धारा-113)
. राजद्रोह में परिवर्तन: राजद्रोह के अपराध को समाप्त कर दिया गया है तथा भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को दंडित करने के लिए देशद्रोह शब्द का इस्तेमाल किया है (बीएनएस धारा-152)
. मॉब लिंचिंग को एक ऐसे अपराध के रूप में शामिल किया गया जिसके लिए अधिकतम मृत्युदंड है (बीएनएस धारा 103-(2))
. संगठित अपराध को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है (बीएनएस धारा-111)
आम लोगों के लिए यह बदलेगा
छोटी सी छोटी शिकायत दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने या पुलिसकर्मियों को रिश्वत देने का दौर खत्म हो जाएगा। हत्या, लूट, दुष्कर्म की भी ऑनलाइन एफआईआर दर्ज होगी। एक जिले में हुए अपराध की जीरो एफआईआर दूसरे जिले में कराई जा सकेगी। थाना क्षेत्र का हवाला देकर पुलिस टरका नहीं सकेगी। केस दर्ज कराने के बाद जांच से लेकर आगे की कार्रवाई तक सारी सूचना मोबाइल पर एसएमएस के जरिये फरियादी को दी जाएगी।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कानून ज्यादा संवेदनशील बनाए गए हैं। अब पीड़िता जहां चाहेगी, पुलिस को वहां बयान दर्ज करना होगा। दुष्कर्म के मामलों में न्यूनतम 10 साल से लेकर अधिकतम फांसी, जबकि सामूहिक दुष्कर्म में 20 साल से फांसी तक का प्रावधान। हालांकि फांसी का प्रावधान नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में ही होगा।

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