जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई पी.सी.पी & डी.टी की समीक्षा बैठक, 8 अल्ट्रासाउंड सेन्टर का नवीकरण एवं 2 नए अल्ट्रासाउंड सेन्टर खोलने की दी गई स्वीकृति अल्ट्रासाउंड सेंटर के नियमित जांच का दिया गया निर्देश, लिंग परीक्षण करना गैरकानूनी संबंधी बोर्ड लगाना अनिवार्य
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा पी.सी.पी & डी.टी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिला में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस नवीकरण एवं नए अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस के आवेदनों की स्क्रूटनी की गई। समीक्षोपरांत पूर्व से संचालित 8 अल्ट्रासाउंड सेंटर के नवीकरण एवं 2 नए सेंटर के पंजीकरण की स्वीकृति दी गई । नए सेंटर के लिए 6 आवेदन अधूरे दस्तावेज के कारण रद्द किए गए।
जिला दण्डाधकारी सह उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि अल्ट्रा साउंड सेंटर में लिंग परीक्षण नहीं हो, इसके अलावे सभी मापदंड पूरा करते हैं इसका नियमित जांच किया जाए। उन्होने कड़ाई से निर्देश के अनुपालन के लिए मजिस्ट्रेट सहित चिकित्सकों की टीम को औचक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया। जिले में स्थित अल्ट्रासाउंड सेंटर तथा पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के मूवमेंट पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये ।
सरकार के दिशा-निर्देशानुसार अल्ट्रासाउंड सेंटर में मौजूद पोर्टेबल मशीन के मूवमेंट पर रोक लगायी गयी है, इसके अलावा जांच के दौरान दो से ज्यादा चिकित्सक अथवा टेक्नीशियन के मौजूद रहने पर भी रोक लगायी गयी है। अल्ट्रासाउंड सेंटरों में कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने एवं लिंग की जानकारी नहीं देने आदि बोर्ड लगाना भी अनिवार्य किया गया है । सिर्फ उन्हीं गर्भवती महिला मरीजों की जांच की जानी है, जिनके पास किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर का लिखा हुआ पर्चा हो। मरीज की रिपोर्ट में सेंटर और जांच की पूरी जानकारी होनी चाहिए, लेकिन उसमें लिंग की जानकारी अंकित नहीं करनी है। सेंटर चलाने की अनुमति उन्हीं को दी जायेगी जिनके पास क्लीनिकल रेगुलेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन हो। सभी सेंटर प्रबंधन को महीने के प्रत्येक दो से चार तारीख तक फॉर्म-एफ भरकर ऑनलाइन माध्यम से विभाग को भेजना है । जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने उक्त सभी नियमों का पालन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया।
बैठक में पीडी आईटीडीए दीपांकर चौधरी, सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी, एसीएमओ, डीआरसीएचओ, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, कार्यपालक दण्डाधिकारी डेविड बलिहार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, एनजीओ के प्रतिनिधि व अन्य सभी संबंधित पदाधिकारी व स्टेक होल्डर उपस्थित थे।