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अपनी भाभी के आबरू पर हाथ डालने वाले ब्लैकमेलर गिरोह के सरगना विनोद सिंह ने अपने को पाक-साफ बताने के लिए एक महाठग का किया इंटरव्यू , जिसे जमशेदपुर प्रेस क्लब और जिला प्रशासन द्वारा संचालित पोल मीडिया जमशेदपुर ग्रुप से लात मारकर निकाला गया हो, वह न्याय की बात कर रहा है ,जाने समाज के कोढ़ की कहानी

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर से ब्लैकमेलर गिरोह के संचालक विनोद सिंह के नित्य नए कारनामे का खुलासा हो रहा है। जो अपनी भाभी नयनतारा के आबरू पर हाथ डालकर आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। वैसे समाज के कोढ़ विनोद सिंह ने एक नए महाठग की खोज कर ली है। उसका नाम है दिलीप कुमार झा और उसके इंटरव्यू के माध्यम से अपने को दुनिया का सबसे पाक साफ व्यक्ति बताने के मुहिम में जुट गया है। साथ ही दिलीप कुमार झा को सामने रखकर अपने विरोधियों का मुंह बंद कराने का प्रयास में लग गया है।


न्यूज़ लहर प्रतिदिन ब्लैकमेलर गिरोह के संचालक विनोद सिंह के कारनामे का खुलासा कर रहा है। इससे घबराकर विनोद सिंह ने एक महा ठग दिलीप कुमार झा का इंटरव्यू कर, अपने को दुनिया का सबसे पाक साफ व्यक्ति बताने का प्रयास में लग गया है। इससे पूर्व न्यूज़ लहर ने अपने सुधी पाठक को बताया था कि यह किस तरह मां जैसी भाभी नयनतारा के आबरू पर हाथ डाला था। जिससे वह स्वाभिमानी महिला ने अपने शरीर में आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिससे विनोद सिंह के बाप कुंवर सिंह और परिवार के लोगों ने दबा दिया है।वही अपने नौकर और नौकरानियों को माइक आईडी पकड़ा कर मार्केट में रुपया वसूलने का नया खेल जारी कर चुका है। कम पढ़े लिखे अपराधिक सोच रखने वाले विनोद सिंह जल्द से जल्द अपार संपत्ति कमाने के प्रयास में अपने सहोदर भाइयों का हक मार लिया, तो वही भाभी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। जबकि इसकी हरकत से चचेरे भाई पवन सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और उसकी पत्नी इलाज के अभाव में एडी रगड़ते हुए मर गई । अब ब्लैकमेलर गिरोह के सरदार विनोद सिंह ने एक महा ठग दिलीप कुमार झा का इंटरव्यू किया है। जिसमें अपने विरोधी का मुंह बंद कराने के लिए दिलीप कुमार झा को पीड़ित बताया है। जिसमें बताया गया है कि इनके विरोधी ने तथाकथित एक शिक्षण संस्थान को जबरन खाली कराकर कब्जा कर लिया है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। आपको बता दें की 2007 में उमा चटर्जी को  कोर्ट के द्वारा डिग्री मिल गया   तब उमा चटर्जी  एक वृद्ध महिला की संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से  रंजीत मुखर्जी, इंद्रजीत मुखर्जी और विश्वजीत मुखर्जी ने कब्जा कर लिया और अवैध तरीके से 2008 में दिलीप कुमार झा को बेच दिया।
इस प्रॉपर्टी पर दिलीप कुमार झा ने यह तथाकथित शिक्षण संस्थान खोला। यहां किसी तरह की शिक्षा नहीं दी जाती थी। बल्कि विभिन्न कॉलेज में इंजीनियरिंग ,डॉक्टरी सहित अन्य स्थानों पर एडमिशन के नाम पर बच्चों को फंसा कर एडमिशन के नाम पर उगाई शुरू हो गई। बच्चों के अभिभावकों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाने लगे।इस बीच उमा चटर्जी ने अधिवक्ता संजय कुमार सिंह के सामने अपनी समस्या रखी और न्याय दिलाने का गुहार लगाया। तब अधिवक्ता  संजय सिंह ने स्थानीय न्यायालय से उमा चटर्जी को डिग्री दिला दी। अवैध कब्जा हटाने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी और साकची पुलिस  एवं प्लीडर कमिश्नर श्री मनोज कुमार जहा एवं श्री ए .के . विशकर्मा के  देखरेख में नाज़िर श्री  अमित राम ने दीलीप कुमार झा द्वारा अवैध तरीके से खरीदे गए संपत्ति को मुक्त करा कर उमा  चटर्जी  को सौप  दिया। इससे नाराज दिलीप कुमार झा ने तत्कालीन सीजीएम के विरुद्ध उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम सहित अन्य अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई। जांच करने पर वह शिकायत गलत पाया गया। जिसके कारण दिलीप कुमार झा को किसी तरह का समर्थन नहीं मिला। वही दिलीप कुमार झा मूल रूप से बोकारो का रहने वाला है, लेकिन मुकदमे के दौरान उसने कोर्ट को भी गुमराह करते हुए जमशेदपुर मानगो का पता अपने एफिडेविट में दिया। वह पता हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ शक्तिव्रत  चौधरी के फ्लैट का निकला। इस संबंध में शक्ति व्रत  चौधरी ने बताया था कि दिलीप कुमार झा द्वारा दिए गए एफिडेविट झूठा है। वह उनके फ्लैट का गलत उपयोग कर रहा है। जबकि उन्होंने कभी भी दिलीप कुमार झा को अपने फ्लैट किराए पर नहीं दिए हैं। अब हमारे सुधि पाठक समझ सकते हैं कि एक तो ब्लैकमेलर गिरोह का ठग और दूसरा दूसरी की संपत्ति हड़पने वाला दिलीप कुमार झा कोर्ट को गुमराह कर गलत पता बताने वाले महा ठग से अब दोस्ती नए रूप में किस करवट बैठता है यह तो मैं आप पर छोड़ता हूं।
वही दिलीप कुमार झा एवं अन्य  के विरुद्ध  धोखाधरी का मुकदमा  स्थानीय न्यायालय में  लंबित है। उस पर सुनवाई होनी बाकी है। अब सच को झूठ बनाकर ब्लैकमेलर गिरोह के संचालक  विनोद सिंह अपने फर्जी पोटल एवं फेसबुक  के माध्यम से आम सुधि पाठक को गुमराह कर रहा हैं

दिलीप कुमार झा के अवेध कब्ज़ा खाली कराने का कोर्ट के आदेश की कॉपी ।

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