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ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह अपने गिरोह के सदस्य और नौकर – नौकरानी के साथ मिलकर छिनताई करने लगा….. ब्लैकमेलर गिरोह को साइबर थानेदार का मिला साथ पत्रकारिता की आड़ में अपने भाभी मां के आबरू से खेलने वाले भेड़ का खाल ओढ़कर अपने अपराध को छुपाने के लिए स्वयंभू बन बैठे फर्जी पत्रकार की कहानी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह अपने गिरोह के सदस्य और नौकर नौकरानी के साथ मिलकर छिनताई करने लगा है।इस गिरोह का नया मामला प्रकाश में आया है।इस संबंध में पीड़ित ने साइबर थाना में लिखित शिकायत की है। वहीं साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल का ब्लैकमेलर गिरोह को बरहस्त प्राप्त हो गया है। जिसके कारण अनेक शिकायत दर्ज होने पर भी थानेदार एफ आई आर दर्ज करने में नौ -नौ महीना का समय लेकर मामले को लटकाते रहे हैं। जो ब्लैकमेलर  और थानेदार के गठजोड़ की नई कहानी की ओर ईशारा करता है।इस पर जांच होना चाहिए।

अपने भाभी मां के आबरू से खेलने वाले भेड़ का खाल ओढ़कर अपने अपराध को छुपाने के लिए स्वयंभू बन बैठे फर्जी पत्रकार विनोद सिंह पत्रकारिता की आड़ में लोगों को ब्लैक मेलिंग कर धन उगाही में लगा हुआ है।अब वह रुपया नहीं मिलने पर छिनताई करने लगा है। ताज़ा मामला बिरसा नगर स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक जयप्रकाश सिंह का है। उन्होंने इस बाबत एसपी जमशेदपुर और साइबर थाना बिष्टुपुर थाना में लिखित शिकायत की है। जिसमें बताया है कि सात अप्रैल 2023 की दोपहर बिरसानगर गुडीया मैदान के पास से अपने नर्सिंग होम की ओर जा रहे थे। तभी फर्जी पत्रकार विनोद सिंह अपने गिरोह के सरदार इंद्रजीत सिंह भुल्लर, अदिति सिंह, अमिताभ वर्मा, अविनाश शर्मा एक कार से आए और उनको रोक कर दो लाख रुपए की रंगदारी मांगी। उस दौरान पूर्व परिचित गोपाल नारायण सिंह भी मौजूद थे।उन लोगों ने उन्हें धमकाया की अगर रुपए नहीं दोगे तो वह अपने फेसबुक के माध्यम से तुम्हारे नर्सिंग होम और तुम्हें बदनाम कर देंगे। जब उन्होंने रुपया नहीं होने की बात कही, तो जबरन अपने कार में बैठा कर उनके पाकिट से 35 हजार रुपए छीन लिए। अतः श्रीमान से अनुरोध है कि इन पर कार्रवाई की जाए। इस शिकायत के बाद विनोद सिंह उसके नौकर इंद्रजीत सिंह भुल्लर, नौकरानी अदिति सिंह और अन्य गिरोह के सदस्यों ने अपने फेसबुक के माध्यम से लक्ष्मी नर्सिंग होम की मनगढ़ंत कहानियां लोगों को बताने लगे।

ब्लैकमेलर और थानेदार का नया गठजोड़
साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल और ब्लैकमेलर गिरोह का नया गठजोड़ सामने आया है।जिसके कारण विनोद सिंह और उनके गिरोह के सदस्य आम शहरियों को अपना शिकार बना रहा है।अगर पुलिस द्वारा पहले ही शिकायत पर कार्रवाई करती, तो इस गिरोह के अलावा अन्य फर्जी पत्रकारों की हिम्मत नहीं हो पाता। थानेदार उपेंद्र मंडल ने शिकायत मिलने के नौ महीने तक मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को दबाए बैठे रहे।जब कोर्ट ने रिमाइंडर देकर निर्देश दिया,तब भी एफआईआर दर्ज नहीं किया। पुनः उपेंद्र मंडल के खिलाफ जयप्रकाश सिंह ने शोकौज कोर्ट में फाइल किया,इसकी जानकारी प्राप्त होते ही आनन-फानन में उपेंद्र मंडल ने एफआईआर दर्ज किया।जिसका साइबर पीएस केस नंबर 21/23 है। यहां पुनः थानेदार उपेंद्र मंडल ने ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह का साथ देते हुए साइबर अपराध वाले धारा को हटा दिया।
अब यह मामला साइबर थाना का नहीं रहा। इसके बाद भी साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल कैसे जांच कर रहे हैं। जाहिर है कि जांच के नाम पर मामले को दबाया जा रहा है। ऐसे थानेदार की कार्यप्रणाली की जांच होनी चाहिए। अगर पुलिस अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया तो यह मामला बिगड़ सकता है।

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