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पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय संवर्ग के कर्मियों ने नौ सूत्री मांग को लेकर किया कलम बन्द हड़ताल

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा में झारखण्ड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) रांची द्वारा अपने नौ सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष महाधरना आयोजित है। आंदोलन का बिगुल फूँक चूका है। समाहरणालय संवर्ग संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे तथा महासचिव बीरेंद्र कुमार यादव की अगुवाई में आंदोलन की रूप रेख तैयार कर ली गयी है।

पूरे राज्य के समाहरणालय कर्मियों ने एक स्वर में अपनी नौ सूत्री मांगों को जायज कहते हुए पत्र के माध्यम से सरकार को इससे अवगत भी कराया है तथा जल्द लागू करने का अनुरोध किया है, परन्तु सरकार के तरफ से अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है।

इस कड़ी में सभी जिलों के प्रखंड, अंचल, अनुमंडल तथा जिला मुख्यालय के कर्मियों द्वारा सर्वप्रथम काला बिल्ला लगा कर विरोध जताया। वहीं सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 18 जुलाई को दोपहर 2 बजे के बाद से कलम बन्द हड़ताल किया है।

संघ द्वारा ग्रेड वेतन में बदलाव, पदनाम में सुधार, प्रोन्नति में कालावधि को घटना, एमएसीपी 10 के बजाय 8 वर्षों में स्वीकृत करना, अनुसेवियों को लिपिक में प्रोन्नति, संविदा पर कार्यरत कर्मियों को नियमित करना, आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों को सीधे सरकार के तहत अनुबंध पर नियुक्त करना और प्रशासी पदाधिकारी के ग्रेड वेतन 5400 किया जाने नौ सूत्री मांग में शामिल है।

जिला अध्यक्ष ललीतेश्वर महतो ने कहा कि संवैधानिक तरीके से अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाना है। हमारी सभी मांग जायज हैं और सरकार इस पर जरूर विचार करेंगी। जिला सचिव मनोज कुंटिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सदैव कर्मियों के हित के लिए कार्य करते हैं। उम्मीद नहीं, पूरा भरोसा है कि हमारी नौ सूत्री जायज मांगों पर अविलम्ब विचार करेंगे। जिला संयुक्त सचिव मयंक कुमार ने कहा कि निम्नवर्गीय लिपिकों का ग्रेड वेतन बेहद चिंताजनक है और उनके पदनाम में भी सरकार को सुधार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हमें पेंशन का लाभ प्रदान किया है और वे हमारी जायज मांगों के साथ भी कदम से कदम मिलाकर खड़े रहेंगे।

पश्चिमी सिंहभूम जिले में जिला अध्यक्ष ललितेश्वर महतो, सचिव मनोज कुंटिया, कोषाध्यक्ष सुनील बड़ाइक, उपाध्यक्ष अतुल कुमार के नेतृत्व में प्रखंड, अंचल, अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के कर्मियों ने कलम बन्द हड़ताल किया। इसमें मुख्य रूप से स्थापना शाखा के कार्यालय अधीक्षक, लिपिक और अन्य समाहरणालय कर्मी शामिल थे।

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