सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन: वार्ता विफल, सीएम आवास पर पत्थरबाजी
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:रांची के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन 2 जुलाई से जारी है। आज, शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच वार्ता हुई, लेकिन यह वार्ता विफल रही। इसके बाद, आंदोलनकारी सहायक पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर सीएम आवास की ओर बढ़ने का प्रयास किया।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों में वेतन वृद्धि, अनुबंध का विस्तार और पुलिस भर्ती में आरक्षण शामिल हैं। वार्ता के दौरान, सरकार ने 20% वेतन वृद्धि और एक साल के अनुबंध विस्तार का प्रस्ताव रखा, जिसे सहायक पुलिसकर्मियों ने अस्वीकार कर दिया। आंदोलन के अगुवाई कर रहे विवेकानंद ने कहा, “हमारी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
घटनाक्रम
बैरिकेडिंग तोड़ने के दौरान, सहायक पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कुछ गाड़ियों को पलटा दिया। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। आंदोलनकारियों ने पुलिस बल के जवानों का डंडा छीनकर उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा, सहायक पुलिसकर्मियों ने वज्र वाहन पर भी कब्जा कर लिया और उसके टायर की हवा निकाल दी।
पुलिस की प्रतिक्रिया
झारखंड पुलिस ने आंदोलन स्थल पर पोस्टर लगाकर इसे नाजायज घोषित किया और सहायक पुलिसकर्मियों से शीघ्र तितर-बितर होने का अनुरोध किया। मौके पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, राजेश्वर नाथ आलोक, भी पहुंचे और सहायक पुलिसकर्मियों को वहां से हटने के लिए कहा, यह बताते हुए कि इलाके में धारा 13 के तहत निषेधाज्ञा लागू है।
आगे की स्थिति
इससे पहले, सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के बीच वार्ता के बाद, झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस भर्ती में आरक्षण देने पर सहमति बन गई है। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनका अनुबंध 9 अगस्त से समाप्त हो रहा है, जिसे एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा।
निष्कर्ष
सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन अभी भी जारी है, और उनकी मांगों को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सरकार और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता की अगली कड़ी कब होगी, यह देखना होगा। इस बीच, पुलिस बल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय है।