गाजे बाजे और बोल बम के नारों के साथ 1100 शिव भक्त जाएंगे सुल्तानगंज …. कर रहे हैं बाबा बैद्यनाथ सारे काम केवल नाम मेरा हो रहा है — विकास सिंह
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में बाबा बैधनाथ सेवा संघ के द्वारा आगामी 28 जुलाई को आयोजित होने वाली कांवर यात्रा के संदर्भ में डिमना रोड के महेंद्र मैरिज हॉल में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सैकड़ो की संख्या में वैसे शिव भक्त उपस्थित थे जो रविवार के दिन कांवर यात्रा में शामिल होकर सुल्तानगंज जा रहे हैं सप्ताह भर चलने वाले इस कांवर यात्रा में शामिल 1100 सोमवार के दिन सावन माह के दूसरे सोमवार के दिन सुल्तानगंज के उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर पैदल बाबा नगरी के लिए प्रस्थान करेंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने बताया कांवर यात्रा की तैयारी पूरी हो गई है कुल 1100 लोगों ने अपना पंजीयन कराया है पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक संख्या में यात्रा में शामिल रहेगी । विकास सिंह ने बताया कि सोनारी, बिष्टुपुर,साकची, कदमा और मानगों के सभी कांवरिया कदमा के रंकणी मंदिर पास एकत्रित होकर
मां रंकणी की पुजा अर्चना कर 1100 शिवभक्तों का जत्था सुल्तानगंज होगा ।विकास सिंह का कहना है कि उनका प्रयास है कि
वैसे शिव भक्त जो बाबा बैधनाथ का दर्शन कर जलार्पण करना चाहते है लेकिन किसी न किसी कारणवश वें जा नहीं पाते वैसे सभी 1100 शिवभक्त रूपी फूलों को एक धागे में पिरो कर बाबा बैधनाथ को अर्पण करने का कार्य करने का प्रयास किया है
सभी कांवरिया 18 कोच बस एवं छोटी गाड़ी के साथ सुल्तानगंज रवाना होंगे । विकास सिंह ने बताया कि रास्ते में बंगाल के पुरुलिया में जैन धर्मशाला में रात्रि के समय सभी रात्रि का भोजन करके सुल्तानगंज के लिए प्रस्थान करेंगे । सोमवार के दिन प्रातः बेला सभी कावंरिया सुल्तानगंज स्थित उत्तर वाहिनी गंगा का जल भरकर पैदल बाबा नगरी के लिए प्रस्थान करेंगे । फोटो युक्त पहचान पत्र से लोगों को सारे स्थानों में प्रवेश मिलेगा ।
सभी कांवरियों को पहचान पत्र का वितरण किया गया । महिलाएं नीली टोपी और पुरुषों का पहचान पीली गंजी से होगा । विकास सिंह ने कहा की जमशेदपुर से अनेकों लोगों ने कांवर यात्रा में शामिल होने की इच्छा जताई थी लेकिन संसाधन कम होने के कारण मात्र 1100 लोगों का ही पंजीयन किया गया है । विकास सिंह ने बताया कि पहला पड़ाव असरगंज के शिकारी धर्मशाला में होगा जहां मध्य प्रदेश के रीवा से आए कलाकारों के द्वारा संस्कृत कार्यक्रम आयोजित होगा उसे कार्यक्रम में अतिथि के रूप में भागलपुर के डीएम स्वयं मौजूद रहेंगे , दूसरा पड़ाव कुमारसार नदी के समीप मुखिया जी के मठ में होगा जहां दोपहर के समय भोजन कर कांवरिया विश्राम करेंगे , दूसरे दिन रात्रि का पड़ा वी जलेबिया पहाड़ के ऊपर अन्नपूर्णा धर्मशाला में होगा । तीसरे दिन दोपहर के समय सुइयां पहाड़ के पास पर्यटन विभाग के द्वारा बनाए गए विश्राम गृह कांवरिया दोपहर का भोजन और विश्राम करेंगे , रात्रि के समय अबरखईया स्थित बांका धर्मशाला में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भोजन की व्यवस्था की गई है ।
चौथे दिन ईनारावरण के भूतनाथ धर्मशाला में लोगों का ठहराव दोपहर के समय सुनिश्चित किया गया । रात्रि के समय लोग सिक्किम धर्मशाला में विश्राम करेंगे है पांचवें दिन सभी कांवरिया बाबा नगरी पहुंचकर बाबा बैधनाथ को जल अर्पण कर मारवाड़ी कावड़ संघ के धर्मशाला में आराम कर रात्रि के समय बाबा बासुकीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे बाबा बासुकीनाथ धाम में पूजा अर्पण कर लोग वापस जमशेदपुर लौटेंगे ।