अंर्तमना जैन आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महामुनिराज का 54 वाँअवतरणदिवस धुमधाम से मनाया गया*
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:कोडरमा झुमरीतिलैया जैन मंदिर में जैन धर्म के महान संत साधना महोदधि आत्महिंतकर , उत्कृष्ट सिंह निष्क्रिडितव्रतधारी,प्रातः स्मरणीय 108 अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी गुरुदेव का 54 वें अवतरण दिवस बड़े ही भक्तिभाव पूर्वक धुमधाम से मनाया गया। जिसमें प्रातः अंर्तमना गुरूवर की पूजा अष्ट द्रब्यो से अत्यंत भक्ति भावसे किया गया, स्थानीय संगीत स्मार्ट सुबोध जैन गंगवाल के निर्देश में पूजा किया गया इसके पश्चात अन्तर्मना के चित्र के का अनावरण और दीप प्रज्वलन करनेका सौभाग्य समाज के सह मंत्री नरेंद्र झांझरी,उप मंत्री राज छाबडा,पूर्व मंत्री ललित सेठी ,पुर्व अध्यक्ष सुशील छाबडा युवा सम्राट सुरेश झाँझरी कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र काला मनीष-सीमा विधी सेठी, राज अजमेरा, को प्राप्त हुआ,
इस अवसर पर अन्तर्मना गुरुवर के अनन्य भक्त मनीष सेठी ने कहा कि आज भगवान महावीर के बाद सबसे बड़ी साधना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज ने 557 दिन की उत्कृष्ट सिंहनिष्क्रिडित व्रत मौन साधना में शाश्वत सम्मेदशिखरजी पर्वतराज पर तपस्या पुर्ण कर एक इतिहास रच दिया।
आज के इस भौतिक युग में जहां लोग खाने के लिए जीवित हैं वही जैन धर्म के महान संत 557 दिन में केवल 61 दिन मात्र एक ही समय जल और भोजन ग्रहण कर निर्जरा उपवास की उत्कृष्टतम मौन साधना किये। जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थराज सम्मेदशिखर जी के पहाड़ पर तपस्या और ध्यान में लीन ऐसे ही संतो के कारण आज पृथ्वी पर धर्म गतिमान है अभी अन्तर्मना कुलचाराम विध्हरण पार्श्वनाथ मंदिर हैदराबाद में विराजमान है और विगत कई वर्षों से एक उपवास ओर एक आहार के साथ साथ अनेक व्रत धारण कर रहे है। इस अवतरण दिवस पर अन्तर्मना ने 33 दिनों का नया उपवास मुरज मध्य व्रत जिसमें26 दिन उपवास 7पारणा होगा। मौके पर विशेष रुप से, मीडिया प्रभारी राज कुमार अजमेरा, मनीष-सीमा सेठी, ईशान कासलीवाल,संजय, नवीन,, महिला समाज की नीलम,अंजना,अलका,पिंकी,
,विधी सेठी,रिद्धि,शास्वत जैन अंजू छाबडा आदि अनेक लोग उपस्थित हुई।