पश्चिमी सिंहभूम मे हड़ताल के बारहवें दिन समाहरणालय कर्मियों ने मस्जिद में माथा टेका सरकार के हृदय परिवर्तन के लिए पूरे सप्ताह धार्मिक स्थलों पर करेंगे पूजा अर्चना – ललितेश्वर महतो हम समाहरणालय कर्मियों की आवाज को सरकार कर रही है अनसुना – मनोज कुमार कुंटिया जोर-जुल्म के टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है – मयंक कुमार सरकार का हृदय परिवर्तन हो इसके लिए समाहरणालय के सभी कर्मी 3 अगस्त को गिरजाघर में करेंगे प्रार्थना – अतुल कुमार
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:पश्चिमी सिंहभूम जिले के प्रखंड अंचल अनुमंडल सहित समाहरणालय सम्हरणालय के विभिन्न शाखों के कर्मियों द्वारा राज्य स्तरीय नेतृत्व के आवाहन पर 12 दिनों से हड़ताल जारी है। संघ के पदाधिकारी विभिन्न माध्यमों से सरकार को अपनी मांग से अवगत कराने का हर संभव प्रयास कर रहे है। कहीं सांसद तो कहीं विधायकों से भी अपनी मांगों के समर्थन में अनुशंसा पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित करने का अनुरोध कर रहे हैं।
परंतु लगभग 12 दिन बीत जाने के पश्चात भी सरकार या विभाग के स्तर से कोई पहल होती नजर नहीं आ रही है। हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने एक स्वर में बस कहा है कि जब तक हमारी 9 सूत्री मांगों पर विचार नहीं हो जाता है तब तक हम हड़ताल पर डटे रहेंगे। हमारे सभी मांगे जायज है तथा अन्य राज्यों में इसे लागू भी किया गया है। सरकार को इस पर विचार करना ही होगा। संघ के जिला अध्यक्ष ललितेश्वर महतो ने कहा कि राज्य नेतृत्व के निर्देश के अनुसार अगस्त माह की पहले सप्ताह में सरकार हमारी मांगों को लेकर अपना हृदय परिवर्तन करें जिसके लिए अलग-अलग धार्मिक स्थान पर विधि विधान से पूजा अर्चना करेंगे।
हम सभी ने इसे हृदय परिवर्तन सप्ताह के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में आज प्रखंड अंचल अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के कई कर्मियों द्वारा अनुमति प्रदान करने के उपरांत स्थानीय मस्जिद में जाकर झारखंड सरकार का हमारी मांग को लेकर हृदय परिवर्तित हो इसके लिए दुआ किया गया।
जिसमें मुख्य रूप से मो. वसीउद्दीन तथा सलमान जफर ने अहम भूमिका निभाई। इधर धरना स्थल को कई दिनों से जोस और उत्साह से संभाल रहे संघ के वरीय उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि सरकार हम समाहरणालय कर्मियों के आवाज को जानबूझकर हम सुन कर रही है लेकिन सरकार को पता नहीं है कि पुरे राज्य के सभी समाहरणालय कर्मी अपनी मांग को लेकर एकजुटता के साथ डटे रहेंगे।
संघ के जिला संयुक्त सचिव मयंक कुमार ने कहा कि सरकार से हम अपनी मांग के प्रति 2 वर्षों से संघर्ष करते आ रहे हैं परंतु सरकार कभी भी सकारात्मक पहल करने को तैयार नहीं दिखी ना हीं विभाग द्वारा कोई आश्वासन दिया गया।
हम सरकार के अभिन्न अंग हैं। उनके विकास कार्यों में कदम से कदम मिलाकर दिन रात कड़ी मेहनत कर उन नीतियों को धरातल पर उतरने का कार्य करते हैं।
हम अपने कार्य क्षमता के अनुसार सम्मानजनक ग्रेड वेतन पाने के अधिकार को ही सरकार से मांग रहे हैं। सरकार इसे जब तक नजरअंदाज करेगी तो हम सभी एक स्वर में घोषणा करते हैं कि जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, संघर्ष हमारा नारा है। हम इसी तरह संवैधानिक तौर पर अपनी जायज मांगों के प्रति सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाते रहेंगे।
हड़ताल के बारहवे में दिन होने के बाद भी सरकार के तरफ से कोई पहल नहीं किये जाने आम जनता में काफी निराशा है। क्योंकि आम जनमानस प्रतिदिन प्रखंड अंचल अनुमंडल जिला मुख्यालय के चक्कर काट काट के थक चुके हैं। कइयों का शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन रुक गया है तो कई पेंशन की आस लगाए बैठे हैं।
इधर हड़ताल के बारहवें दिन धरना स्थल पर मुख्य रूप से निरल केरकेट्टा, सदानंद रजक, विल्सन डांगा, दिलीप कुमार बिरुआ, सहदेव मुर्मू, बेंजामिन बोईपाई, जितेंद्र बानरा, सुनील बडाइक, मनोज कुंटिया, मनीष विश्वकर्मा अजय सामंता, मयंक कुमार, पवन तांती, कुमार अभिषेक, अनिल कुमार, जितेंद्र बोदरा, शुक्रमणि सवाइयाँ, आइशा रेयाज़, मनीषा गोप सहित कई प्रखंड अंचल के कर्मी उपस्थित थे।