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ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह पुलिस और कोर्ट को अपना विजिटिंग कार्ड में  गलत R.N.I No. डाल कर, कर  रहे हैं  गूमराह, देखें सरकारी साक्ष्य….. इस ब्लैकमेलर को पता है कि कोई भी समाचार पत्रिका चपरासी तक की नौकरी नहीं देगा, इस लिए बन बैठा स्वयंभू पत्रकार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित जमशेदपुर में ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह का सरगना विनोद सिंह अपने तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट के असली होने के नाम पर पुलिस पदाधिकारी और कोर्ट को गुमराह कर रहा है। यह दोनों पोस्ट शहर के लोगों को ब्लैक मेलिंग करने के लिए बनाया गया प्लेटफार्म है। अब इस गिरोह का सरगना जर्नलिस्ट विनोद सिंह के नाम से एक नया प्लेटफार्म भी तैयार कर लिया है। न्यूज़ लहर तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट के असली होने के दावा का पोल खोल रहा है।इस संबंध में अपने सुधि पाठक के सामने और गुमराह हो रहे हैं, पुलिस अधिकारियों, कोर्ट को उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर बताने का प्रयास है कि यह अपराधी दिमाग के शातिर ब्लैकमेलर किस तरह गुमराह कर रहा है।


यूपी में बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई की पत्रकार के भेष में सूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद पूरे देश में मीडिया को लेकर नए कानून बनाए जाने पर विचार होने लगा। पूरे देश में बहस छीड़ गई। वहीं झारखंड में भी फर्जी पत्रकारों पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न पत्रकार संगठनों ने मुख्यमंत्री और संबंधित पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। इस बीच जमशेदपुर की धरती से स्कूटर मैकेनिक स्वयंभू पत्रकार बने विनोद सिंह ने अपराधी छवि के लोगों को और अपने नौकर, नौकरानियों को मिलाकर एक गिरोह बनाया। उस गिरोह को पत्रकार चोला ओढ़ाने के लिए दो प्लेटफार्म बनाए गए। जिसमें पहला प्लेटफार्म तक्षक पोस्ट और दूसरा इस्पाई पोस्ट है। इस बीच गिरोह के सरगना ने नए प्लेटफार्म जर्नलिस्ट विनोद सिंह के नाम से एक आईडी बना लिया है। इस आईडी प्लेटफार्म का उपयोग लोगों पर कीचड़ उछालने, डराने के लिए उपयोग किया जा रहा है। जिससे ब्लैक मेलिंग कर पैसे उगाही का काम किया जा सके। जिसको लेकर अनेक लोगों ने साइबर थाना, एसएसपी जमशेदपुर और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया लिखित शिकायत की है।वहीं चेयरमैन एढोक कमिटी  डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जमशेदपुर ने एसएसपी को पत्र लिखकर इन ब्लैकमेलरों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।  जिसका साक्ष्य न्यूज़ लहर ने अपने सुधी पाठकों के सामने उपलब्ध कराया था।

क्या है सच ,तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट का ?

ब्लैकमेलर गिरोह की सरगना विनोद सिंह कोर्ट को दिए एक हलफनामे में तक्षक पोस्ट का आर एन आई नंबर लिखा है। उस नंबर को आधार बनाकर अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने पूर्वी सिंहभूम जिला के जनसंपर्क पदाधिकारी जमशेदपुर से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी प्राप्त की है। जिसमें बताया गया है कि तक्षक पोस्ट दिल्ली की एक मैगजीन है। जबकि जमशेदपुर के तक्षक पोस्ट डीजटल न्यूज़ है। डीजटल न्यूज़ को आर एन आई नंबर सरकार द्वारा नहीं दिया जाता है। तक्षक पोस्ट जिला जनसंपर्क कार्यालय में नहीं आता है।


जब यह मान लिया जाए कि तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट डीजटल है, तो इनको आर एन आई नंबर कहां से मिल गया है। क्या विनोद सिंह ने कोर्ट पर फर्जी पत्रकारिता का धौंस जमाने के लिए आर एन आई नंबर दिया है। वही इस मामले का जांच कर रहे साकची पुलिस को विनोद सिंह ने अपने तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट को असली बताने के लिए उद्योग आधार और ट्रेड लाइसेंस का सर्टिफिकेट दिखाया है। जबकि उद्योग आधार और ट्रेड लाइसेंस किसी व्यापार के लिए लिया जाता है। यहां पुलिस अधिकारियों को गुमराह करने के लिए ट्रेड लाइसेंस और उद्योग आधार दिखा दिया गया। वही इस पूरे मामले का सच जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पूर्वी सिंहभूम द्वारा बताया जा सकता है, कि कौन सा अखबार या पत्रिका या न्यूज़ पोर्टल असली है या नकली है। इसके लिए क्या गाइडलाइन है। जनसंपर्क पदाधिकारी इसकी जानकारी दे सकते हैं।अगर कोई अपने आपको स्वयंभू पत्रकार बनकर अपने को असली बताने लगे तो, जांच कर रहे पुलिस पदाधिकारी को जनसंपर्क पदाधिकारी पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर प्रेस क्लब, ए आई एस एम जैसी अनेक पत्रकारों की संगठनों से भी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।इससे असली और नकली का पोल खुल जाएगा। न्यूज़ लहर को जिला जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए सरकारी साक्ष्य सुधी पाठकों के पास रखता है। आप पढ़े जिससे असली और नकली का अंतर समझ में आएगा।

तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट जैसा पोटल कोई भी खोल सकता है

न्यूज़ लहर अपने सुधि पाठकों को बता रहा है कि अगर आप भी स्वयंभू पत्रकार बनना चाहते हैं ,तो तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट जैसा पोर्टल आप भी खोल सकते हैं।इसमें बहुत ज्यादा खर्चे नहीं आते हैं। इसको खोलने के लिए अपना एक वेबसाइट बनाएं और गूगल पर आपको सालाना फीस जमा करना पड़ता है। जिससे गूगल आपको एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। जिसमें तमाम यूट्यूब, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, य
पोर्टल चलाया जा रहा है। यूं कहें कि सोशल मीडिया का ही एक प्लेटफार्म है जिसे आप पंद्रह सौ रुपए के लगभग फीस जमा कर,साल भर आप भी अपना पोर्टल चला सकते हैं। पोटल बनाने में पांच से लेकर 15 हजार रुपए तक का खर्च आता है। बशर्ते यह पोर्टल लोगों की जानकारी में वृद्धि करने के लिए, अच्छे काम के लिए, बिजनेस के लिए हो। ना कि ब्लैक मेलिंग के लिए। जिस तरह इस प्लेटफार्म का उपयोग विनोद सिंह अपराधिक छवि के लोगों को स्वयंभू पत्रकार बनाने और उनके आड़ में ब्लैक मेलिंग कर रहा है।


विनोद सिंह अपनी मां जैसी भाभी नयनतारा के आबरू से खेलने का आरोपी रहा है।यह अपने अपराध पर पर्दा डालने के लिए स्वयंभू पत्रकार बन बैठा है।इस कम पढ़े लिखे अपराधिक छवि वाले विनोद सिंह में काबिलियत होती तो किसी भी समाचार पत्र में पत्रकार के रूप में ज्वाइन करता  और लोगों की समस्या उठाता।मगर यह जानता है कि उसे कोई भी समाचार पत्रिका अपने यहां चपरासी तक नहीं रखेगा।इसलिए यह दो पोर्टल खोलकर अपने आपको स्वयंभू पत्रकार बन कर, लोगों से उगाही करने में लग गया है।

उद्योग आधार और ट्रेड लाइसेंस की आड़ में बैंक को चूना लगाने के ताक में है विनोद सिंह??

न्यूज़ लहर ब्लैकमेलर पत्रकार गिरोह के सरगना विनोद सिंह के हर चाल को समझता है। जिसके कारण न्यूज़ लहर में छप रहे समाचारों से वह बौखलाया हुआ है। अब वह तक्षक पोस्ट और स्पाई पोस्ट के नाम पर उद्योग आधार और ट्रेड लाइसेंस ले रखा है। जाहिर है कि इन दोनों प्रमाणपत्रों को किसी बैंक के पास दिखाकर लोन लेगा। बाद में उन बैंकों को चूना लगा दिया जाएगा। यानी लोन वापस नहीं किया जाएगा। क्योंकि यह बात न्यूज़ लहर इसलिए दावा करता है कि इनके परिवार के एक सदस्य ने इसी तरह का हरकत कर लाखों रुपए बैंक के ठग लिए हैं, और बैंक को लोन के रुपया वापस नहीं किया हैं। उसी नक्शे कदम पर विनोद सिंह आगे बढ़ रहा हैं। जिससे न्यूज़ लहर बखूबी समझ रहा है। जाहिर है पत्रकार संस्था को ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता क्या पड़ गई? वह भी आवासीय क्षेत्र में अपने कार्यालय को दिखाकर और वहां ट्रेड लाइसेंस लेना और अपने संस्था को उद्योग आधार से जोड़ना किस बात की ओर इशारा करता है? यह जांच का विषय है ।समय रहते इस पर रोक नहीं लगा, तो निश्चित तौर पर विनोद सिंह ब्लैक मेलिंग के साथ आने वाले दिन में किसी बैंक को जबरदस्त चुना लगा सकता है?इस पर जांच होनी चाहिए।

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