सोन नदी में बाढ़: झारखंड और बिहार के 40 लोग एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित निकाले गए

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के रिहंद बांध से पानी छोड़े जाने के कारण सोन नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 40 ग्रामीण और 100 मवेशी फंस गए। जैसे ही प्रशासन को इस स्थिति की जानकारी मिली, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी और पूर्व विधायक मौके पर पहुंचे और रातभर सोन नदी के तट पर कैंप करते रहे।
सोमवार को सुबह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम वहां पहुंची और सभी 40 लोगों एवं उनके 100 मवेशियों को सुरक्षित निकाला। फंसे हुए 40 लोगों में 32 झारखंड के गढ़वा जिले के और 8 लोग बिहार के रहने वाले थे।
घटना का विवरण
गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के लोहरगड़ा गांव के लोग सोन नदी के बीच एक टापू पर अपने मवेशियों के साथ रह रहे थे। रविवार को रिहंद डैम का पानी छोड़े जाने के बाद अचानक सोन नदी में बाढ़ आ गई, जिससे इन सभी की जान संकट में आ गई। इन लोगों को बिहार सीमा की तरफ सुरक्षित निकाला गया।
प्रशासन की तत्परता
रविवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भारी बारिश के बाद रेणुकूट स्थित रिहंद बांध का पानी दोपहर में छोड़ा गया। गेट खोले जाने के कारण सोन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। रात 9:00 बजे से जलस्तर में वृद्धि शुरू हुई और देखते ही देखते नदी उफान मारने लगी।
ग्रामीणों ने ओपी प्रभारी को सूचित किया कि नदी के बीच एक टीले पर 40 लोग अपने मवेशियों के साथ फंस गए हैं। इसके बाद केतार प्रखंड के बीडीओ, नगर अनुमंडल पदाधिकारी और पूर्व विधायक आनंद प्रताप देव मौके पर पहुंचे।
एनडीआरएफ की कार्रवाई
उपायुक्त से बातचीत के बाद एनडीआरएफ की टीम को भेजने का आग्रह किया गया। सोमवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने सभी लोगों को उनके मवेशियों के साथ सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
अतीत में भी हुई थी ऐसी घटना
यह पहली बार नहीं है जब सोन नदी में बाढ़ के कारण लोग फंसे हैं। 2016 में भी इसी टापू पर 11 लोग अपने मवेशियों के साथ फंस गए थे। तब स्थानीय नाविकों ने 20 घंटे बाद उन्हें बचाया था। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोग खेती करने के लिए नदी के बीचोंबीच घर बना लेते हैं, और जब भी बाढ़ आती है, ये लोग उसमें फंस जाते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह दर्शाया है कि बाढ़ की स्थिति में प्रशासन की तत्परता और एनडीआरएफ की सक्रियता कितनी महत्वपूर्ण होती है।