ब्लड देकर छोटी बच्ची की जान बचाई: सारंडा के जवानों का सराहनीय कार्य**
न्यूज़ लहर संवाददाता
*झारखंड:*पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सारंडा के जम्बाईबुरू गाँव में दो वर्षीय मनीषा हुंडदागा की जान बचाने के लिए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों का प्रयास सराहनीय रहा। मनीषा, जो ब्लड और हीमोग्लोबिन की भारी कमी से जूझ रही थी, को समय पर उपचार और रक्तदान की मदद से बचाया गया।
मनीषा की गंभीर स्थिति
पश्चिम सिंहभूम जिले के जम्बाईबुरू गाँव के निवासी चारण हुंडदागा की पुत्री मनीषा गंभीर बीमार थी। उसकी तबियत अचानक खराब होने पर परिवार वालों ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया।
CRPF का त्वरित हस्तक्षेप
जैसे ही इस स्थिति की जानकारी 26 बटालियन के CRPF कमांडेंट राजीव रंजन को मिली, उन्होंने तत्काल सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। उनके नेतृत्व में सहायक कमांडेंट सुबीर कुमार मंडल और निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह ने तत्काल कदम उठाए और बच्ची को सेल जनरल अस्पताल, किरीबुरू में भर्ती कराया।
हवलदार एस. मनोओ का योगदान
बच्ची की जान बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हवलदार एस. मनोओ ने निभाई, जिन्होंने समय पर ब्लड देकर मनीषा की जान बचाई। उनकी इस सराहनीय सेवा और मानवता के प्रति कर्तव्यनिष्ठा की व्यापक सराहना हो रही है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में CRPF के प्रति आभार और विश्वास को और मजबूत किया है। स्थानीय लोगों ने जवानों के इस प्रयास की सराहना की है और उन्हें धन्यवाद दिया है। यह घटना बताती है कि किस तरह सुरक्षा बल न केवल सुरक्षा का कार्य करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय के कल्याण के लिए भी तत्पर रहते हैं।
निष्कर्ष
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि CRPF न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि मानवीय संकटों में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाता है। हवलदार एस. मनोओ और उनकी टीम का यह कदम समाज में मानवता और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करता है। मनीषा हुंडदागा की स्थिति अब स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही है। इस घटना ने साबित कर दिया है कि सेवा और समर्पण से किसी की भी जान बचाई जा सकती है।