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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: 14 अगस्त 2024 की महत्वपूर्ण यादें

न्यूज़ लहर संवाददाता
*नई दिल्ली:* आज, 14 अगस्त 2024, भारत में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदियों की याद में समर्पित है, जब ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अंत में भारत को दो अलग-अलग देशों में विभाजित किया गया। इस विभाजन के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर दंगे भड़के, लाखों लोग विस्थापित हुए और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई।

 

विभाजन की पृष्ठभूमि

14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान का गठन हुआ, जबकि भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की। यह विभाजन न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े करने का कारण बना, बल्कि बंगाल का भी विभाजन हुआ, जिसमें पूर्वी बंगाल को अलग करके पूर्वी पाकिस्तान बनाया गया, जो बाद में 1971 में बांग्लादेश बना।

 

स्मृति दिवस की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 को लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा का उद्देश्य विभाजन के दौरान हुई पीड़ा और बलिदानों को याद करना और उन लोगों को श्रद्धांजलि देना है, जिन्होंने इस कठिन समय का सामना किया।

कार्यक्रम और गतिविधियाँ

शिक्षा मंत्रालय ने 2022 से इस दिन के आसपास कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इस वर्ष भी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के लिए कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें शैक्षणिक कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। ये कार्यक्रम समाज में विभाजन के प्रभावों और इतिहास को समझने में मदद करेंगे।

पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस

आज का दिन पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 1947 में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के तहत भारत और पाकिस्तान के रूप में दो संप्रभु राष्ट्र-राज्यों का निर्माण हुआ। पाकिस्तान के संस्थापक पिता मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने ऐतिहासिक रेडियो संबोधन में कहा था, “15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु राज्य पाकिस्तान का जन्मदिन है। यह उस मुस्लिम राष्ट्र की नियति की पूर्ति का प्रतीक है जिसने पिछले कुछ वर्षों में अपनी मातृभूमि पाने के लिए बहुत त्याग किए हैं।”

निष्कर्ष

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें उस दर्दनाक इतिहास की याद दिलाता है और हमें एकजुटता, सहिष्णुता और मानवता के मूल्यों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। आज, हम उन सभी को याद करते हैं जिन्होंने इस कठिन समय में संघर्ष किया और बलिदान दिया।

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