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राज्यपाल ने संचालित ‘गुतू गलांग कल्याण ट्रस्ट’ के बरबट्टी उत्पादन एवं विक्रय के साथ अन्य उत्पादित सामग्रियों एवं कार्यप्रणाली को देखी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड: राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज पाकुड़ जिला के डुमरचीर, अमड़ापाड़ा में ग्रामीणों से संवाद करने के पश्चात पाकुड़ जिला में विशिष्ट जनजाति सखी मंडल द्वारा संचालित ‘गुतू गलांग कल्याण ट्रस्ट’ के बरबट्टी उत्पादन एवं विक्रय के साथ अन्य उत्पादित सामग्रियों एवं कार्यप्रणाली को देखते हुए कहा कि यह संस्था स्वयं सहायता समूह के लिए रोल मॉडल है। राज्यपाल ने वहां विशिष्ट जनजाति सखी मंडल द्वारा संचालित बोरा सिलाई केंद्र, बोरा छपाई केंद्र, उत्पादित सामग्रियों का भंडार गृह देखा एवं PVTG के पारंपरिक पोषण एवं चिकित्सा पद्धति के स्टॉल में जाकर पारंपरिक चिकित्सा की इस पद्धति की जानकारी ली और कहा कि इसके संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता है।

राज्यपाल महोदय ने वहां उपस्थित स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस समूह के कार्य को देखकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है कि इस सुदूरवर्ती PVTG गाँव में स्वयं सहायता समूह का कार्य एक लघु उद्योग के रूप में स्थापित हो चुका है। इस केंद्र के द्वारा उत्पादित बोरा एवं सामग्री अन्य जिले में भी आपूर्ति की जाती है। सच ही कहा गया है ‘जहां चाह है, वहां राह है’। राज्यपाल महोदय ने सखी मंडल को अपने ट्रस्ट के कार्यो को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए तीन मूल मंत्र दिये। ये मूल मंत्र हैं- 1.गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद 2.पारदर्शिता एवं 3.त्रुटिरहित रेखा संधारण गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के कारण उपभोक्ता का विश्वास बढ़ता है एवं उनके द्वारा पुनः उत्पाद की मांग की जाती है। यह क्रम निरंतर चलते रहने से आपसी विश्वास बढ़ता है एवं व्यवसाय फलता-फूलता है। पारदर्शिता से आपसी मन-मुटाव नहीं होता है, सभी को उचित लाभांश मिलता है एवं वे ऊर्जान्वित होकर काम करते हैं। त्रुटि रहित लेखा संधारण से पूंजी लगातार बढ़ते रहती है। उन्होंने सबकी उन्नति की कामना की।

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