नशा मुक्ति भारत अभियान को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला, मुख्य अतिथि के रूप में जिले की उपायुक्त हुईं शामिल नशाखोरी व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक समस्या बन गई है, हम सबको मिलकर लड़ना है… उपायुक्त
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड : पूर्वी सिंहभूम जिला में नशा मुक्ति भारत अभियान को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन लोयोला स्कूल, सभागार, जमशेदपुर में किया गया । कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव शामिल हुईं । इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम पीयूष सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रोहित कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती नेहा संजना खलखो, जिला शिक्षा अधीक्षक सुश्री निशु कुमारी, डॉ. अक्षय कीर्ति, मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल, सीआईपी रांची के एशोसियेट प्रो. डॉ. संजय मुंडा व डॉ. अभिजित सिंह, सिविल सर्जन कार्यालय से डॉ. दीपक गिरी आदि मौजूद रहे । कार्यशाला में सीडीपीओ, बीईईओ, महिला पर्यवेक्षिता, कई निजी एवं सरकारी स्कूल के प्राचार्य, नशा मुक्ति केन्द्र के सदस्य मौजूद रहे । कार्यशाला में नशा से होने वाले दुष्प्रभाव, शारीरिक-मानसिक परेशानियों के साथ साथ समाज में इसका कितना विकृत प्रभाव पड़ता है इसपर विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से तथा शॉर्ट फिल्म के माध्यम से जनकारी साझा किया तथा जनमानस से नशाखोरी मुक्त भारत अभियान में व्यक्तिगत रूप से भी अभिरूचि लेते हुए लोगों के बीच जागरूकता लाने की बात कही।
इस मौके पर नशा मुक्ति विषय पर आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को सम्मानित किया गया । इस प्रतियोगिता में झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, गुड़ाबांदा की फुलेश्वरी मुंडा को प्रथम, लक्ष्मी देवी हेम्ब्रम, केजीबीवी पोटका की छात्रा को द्वितीय तथा केजीबीवी घाटशिला की छात्रा प्रतिमा सोरेन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ जिन्हें अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया । साथ ही उपायुक्त ने नशा के विरूद्ध इस लड़ाई को और व्यापक बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की।
अच्छे वैल्यू सिस्टम से ही अच्छा समाज और देश अच्छा बनेगा
उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने कहा कि नशाखोरी आज के समय में व्यक्तिगत या किसी एक परिवार की समस्या नहीं बल्कि सामाजिक समस्या बन गई है, इसलिए हम सबको मिलकर लड़ना होगा। उन्होने कहा कि अक्सर खबरों में देखते या पढ़ते होंगे कि जमशेदपुर के बॉर्डर क्षेत्रों में या कई बार बस्तियों में भी पुलिस ने छापेमारी कर ड्रग पेडलर को पकड़ा है। नशाखोरी के लिए जमशेदपुर बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनता जा रहा जहां युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे । औद्यौगिक शहर है, लोगों के पास अन्य जगहों की तुलना में अच्छा इनकम है लेकिन इसका साइडइफेक्ट भी है, बच्चों के पास पैसे होते हैं जिससे स्कूल के आसपास घूमने वाले ड्रग पेडलर के संपर्क में आकर वे नशाखोरी को अपना रहे ।
बच्चों पर नजर रखें ताकि गलत दिशा में नहीं बढ़ें
उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि नशाखोरी के कई नए स्वरूप हो गए हैं ऐसे में अभिभावक भी अपने बच्चों की एक्टिविटीज एवं मानसिक बदलाव पर विशेष ध्यान रखें ताकि बच्चे को नशे की ओर बढ़ने से पूर्व या प्रथम चरण में ही रोका जा सके। उपायुक्त ने कहा नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायिक प्रशासन के साथ सबका आम नगारिकों से भी सहयोग अपेक्षित है । उन्होने विषय की गंभीरता एवं समस्या की जटिलता को ध्यान में रखकर जिले के प्रत्येक नागरिक से नशा मुक्त भारत अभियान में सहभागिता की अपील की। विशेषकर उन्होने सभी विद्यालयों में बच्चों के बीच जागरूकता लाने का संदेश दिया। साथ ही अभिभावकों के साथ भी मीटिंग कर प्रशासन की भावनाओं से अवगत कराने की बात कही ।
नशा जानलेवा है, आर्थिक रूप से भी प्रभावित होते हैं परिवार
अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम श्री पीयूष सिन्हा ने कहा कि ड्रग पेडलर के खिलाफ सिर्फ प्रशासनिक और पुलिस की कार्रवाई नाकाफी होगी जबतक समाज के रूप में प्रत्येक नागरिक इसके विरूद्ध आवाज नहीं उठायेंगे । उन्होने अपील किया कि आपके आसपास कोई नशा विक्रेता आपके संज्ञान में हों इसकी सूचना नजदीकी थाना या जिला प्रशासन के अधिकारियों को दें। सूचनादाता की पहचान गोपनीय रखते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है, ड्रग्स का सेवन किसी एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे परिवार के साथ-साथ समाज पर बुरा प्रभाव डालता है, किसी एक व्यक्ति के कारण पूरे परिवार की आर्थिक एवं मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में नशाखोरी के खिलाफ अपनी आवाज जरूर उठायें ।