व्यय प्रेक्षकों ने मीडिया सह एमसीएमसी कोषांग का किया निरीक्षण, पेड न्यूज और सोशल मीडिया पर चुनावी प्रचार-प्रसार की निगरानी को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।पूर्वी सिंहभूम जिले के विधानसभा क्षेत्र 44- बहरागोड़ा और 45-घाटशिला के लिए नियुक्त व्यय प्रेक्षक कुरुबा आंजनेयुलु एवं 46-पोटका और 47-जुगसलाई के व्यय प्रेक्षक कमलजीत के. कमल ने जिला निर्वाचन कार्यालय में स्थित मीडिया कोषांग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया कोषांग के प्रभारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव से कोषांग की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
व्यय प्रेक्षकों ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया, समाचार पत्र, टीवी चैनल, रेडियो आदि पर पेड न्यूज पर कड़ी निगरानी रखी जाए और समाचार पत्रों में प्रकाशित चुनाव संबंधी सामग्री का उचित कतरन रिकॉर्ड संकलित किया जाए।
प्रेक्षकों ने कोषांग में मौजूद सभी कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की और निर्देशित किया कि सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी या निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा चुनाव से संबंधित किसी भी विज्ञापन,
वीडियो, बल्क मैसेज आदि प्रसारित करने से पहले एमसीएमसी कोषांग से प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पेड न्यूज चिन्हित होने पर त्वरित एवं उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को 24X7 क्रियाशील रखा जाए ताकि सोशल मीडिया पर अपुष्ट खबरों पर नियंत्रण रखा जा सके।
सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के पोस्ट के लिए दिशा-निर्देश:
1. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व-प्रमाणीकरण) के अंतर्गत आएंगे।
2. प्रत्याशी और राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापन, प्रचार-सामग्री बनवाने, सोशल मीडिया अकाउंट संधारण, और सोशल मीडिया के लिए काम करने वाले कर्मियों के वेतन आदि पर होने वाला खर्च उनके चुनाव-खर्च में शामिल किया जाएगा।
3. प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के लिए आवश्यक है कि इंटरनेट-आधारित मीडिया-प्लेटफॉर्म या वेबसाइट पर किसी भी राजनीतिक विज्ञापन को जारी करने से पहले उसका प्री-सर्टिफिकेशन प्राप्त करें।
4. चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता एवं अन्य निर्देश सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों और दलों द्वारा की जाने वाली प्रचार सामग्री पर भी लागू होंगे।
5. किसी भी अस्पष्टता को दूर करने के लिए आयोग ने पुनः पत्रांक 491/SM/COMM/ 2013 दिनांक 16 अप्रैल 2014 के माध्यम से स्पष्ट किया है कि ई-पेपर में प्रकाशित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों पर प्री-सर्टिफिकेशन आवश्यक है।
इस निरीक्षण एवं दिशा-निर्देशों का उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है, जिससे मतदाता सही एवं तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर अपना मतदान कर सकें।