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गंगा प्रसाद अरुण को मिला कविवर निर्मल मिलिंद स्मृति पुरस्कार’

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में प्रसिद्ध गीतकार गंगा प्रसाद अरुण को इस वर्ष का ‘कविवर निर्मल मिलिंद स्मृति पुरस्कार’ प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके बिरसा नगर स्थित आवास पर एक सादे समारोह में दिया गया। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कहानीकार जयनंदन ने पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि यह सम्मान गहरे विचार और चयन प्रक्रिया के बाद साहित्यकारों को दिया जाता है।

गंगा प्रसाद अरुण, जिन्हें “गीतों के राजकुमार” के रूप में जाना जाता है, कैंसर से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद उनकी साहित्यिक उपलब्धियों को देखते हुए यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया। पुरस्कार में ₹11,000 की राशि और प्रमाण पत्र शामिल है। जयनंदन ने गंगा प्रसाद अरुण को बहुमूल्य साहित्यिक योगदान के लिए सराहा और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने कहा कि अरुण जी की रचनाओं में गहराई और व्यापकता है, जो साहित्य जगत को समृद्ध करती हैं।

जयनंदन ने कविवर निर्मल मिलिंद को याद करते हुए कहा कि वे एक अहर्निश कवि थे, जिनकी रचनाएं गीत, गजल, उपन्यास, नाटक, व्यंग्य और बच्चों की साहित्यिक कृतियों में फैली थीं। उनकी गजल संग्रह ‘कत्ल का जश्न’ विशेष रूप से चर्चित रही। उन्होंने बज्जिका भाषा का पहला उपन्यास ‘गितिया’ लिखकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। उन्होंने नए साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

दिनेश्वर प्रसाद सिंह ‘दिनेश’, डॉ. रागिनी भूषण, और अन्य साहित्यकारों ने भी समारोह में अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. रागिनी भूषण ने गंगा प्रसाद अरुण के गीत का सस्वर पाठ कर कार्यक्रम को जीवंत कर दिया। वहीं, व्यंग्य लेखक अरविंद विद्रोही ने कहा कि मिलिंद जी ने महिलाओं को साहित्य में बढ़ावा देने का काम किया, जो उनकी यादगार उपलब्धियों में से एक है।

कार्यक्रम का संचालन अशोक शुभदर्शी ने किया। इस मौके पर अर्चना मिलिंद, कवि दिनेश्वर प्रसाद सिंह, मनोकामना सिंह अजय, राजेश भोजपुरिया, और अखिलेश सहित कई प्रमुख साहित्यकार और पत्रकार मौजूद रहे।

 

समारोह की समाप्ति पर उपस्थित सभी ने गंगा प्रसाद अरुण के शीघ्र स्वस्थ होने और साहित्य में उनकी सक्रिय वापसी की कामना की।

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