जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन चाईबासा व्यवहार न्यायालय और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में किया गया। झालसा (झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार) के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 90,507 मामलों का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया, जिसमें कुल ₹5,71,38,281 (पांच करोड़ इकहत्तर लाख अड़तीस हजार दो सौ इक्यासी रुपये) की राशि का समायोजन हुआ।
कार्यक्रम के दौरान चाईबासा व्यवहार न्यायालय में दस न्यायिक पीठों और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में दो न्यायिक पीठों का गठन किया गया, जहां विभिन्न मामलों की सुनवाई की गई। इन न्यायिक पीठों में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सूर्य भूषण ओझा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय तरुण कुमार,
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार, एसडीजेएम सदर सह रजिस्ट्रार सुप्रिया रानी तिग्गा, रेलवे दंडाधिकारी मंजीत कुमार साहू, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पूजा पांडेय, एंजेलिना नीलम मड़की, उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी कृष्णा लोहरा और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अंकित कुमार सिंह ने अपनी भूमिका निभाई।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने जानकारी दी कि प्रत्येक तीन माह के अंतराल पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होता है, जिसमें लोग अपने सुलहनीय मामलों के समाधान के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस लोक अदालत में बैंकिंग मामलों का सर्वाधिक निष्पादन हुआ, जिसमें बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक दिवाकर सिन्हा का विशेष योगदान रहा। उन्होंने अपनी बैंक शाखाओं को प्रेरित कर इस प्रक्रिया में तेजी लाई, जिससे बैंकिंग मामलों का निपटारा सफलतापूर्वक हो सका।
यह राष्ट्रीय लोक अदालत कानूनी जागरूकता और विवाद समाधान की दिशा d में एक प्रभावी प्रयास साबित हुआ। इसमें बड़ी संख्या में मामलों का निष्पादन कर लोगों को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई।
सचिव राजीव कुमार सिंह ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे ताकि समाज के हर वर्ग को न्याय प्रणाली से जोड़ा जा सके और सुलहनीय मामलों का समय पर समाधान किया जा सके।