_भारतीय राजदूत को फिर पन्नु ने दी धमकी, अमेरिका ने कहा- सुरक्षा की हमारी गारंटी_*
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की तरफ से भारतीय राजनयिकों को लगातार धमकी दी जा रही है। एसएफजे के निशाने पर पहले कनाडा और ब्रिटेन में भारतीय राजदूत थे लेकिन अब यह संगठन अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा को पिछले कुछ दिनों में तीन बार धमकी दे चुका है। क्वात्रा के साथ ही यह संगठन कनाडा में रूस के राजदूत व्लादिमीर स्टीपानोव को भी धमकी दी है।
25 हजार डॉलर के ईनाम की भी घोषणा
एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नु ने एक वीडियो जारी कर क्वात्रा और स्टीपानोव की सार्वजनिक गतिविधियों की जानकारी देने पर 25 हजार डॉलर के ईनाम की भी घोषणा की है। एसएफजे की तरफ से इस तरह की धमकियों का मुद्दा भारत सरकार की तरफ से लगातार अमेरिका और कनाडा सरकार के समक्ष उठाया जा रहा है लेकिन इसको खास तवज्जो नहीं दी जा रही है।
हालांकि, बुधवार को नई दिल्ली स्थिति अमेरिकी दूतावास ने आश्वस्त किया है कि अमेरिका में हर विदेशी राजनयिकों की पूरी सुरक्षा करने को लेकर वह प्रतिबद्ध हैं। पन्नुन ने कहा है कि रूस की एजेंसियां भारत की मदद कर रही हैं और रूस की मदद से ही भारतीय एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाई है। पिछले दिनों पन्नु ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को लेकर भी ऐसे ही आरोप लगाये थे कि वह पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ मिल कर खालिस्तान समर्थक सिखों की हत्या कराने में मदद कराते हैं।
एसएफजे का कहना है कि कनाडा स्थित रूस के दूतावास ने खालिस्तान समर्थक नेताओं के सोशल मीडिया चैनल टेलीग्राम पर गतिविधियों को हैक करके उसे भारत के साथ साझा किया था। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि एसएफजे पिछले कई वर्षों भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उसकी हरकतों को देख कर ही भारत ने उसे आतंकी संगठन करार दिया है। पन्नुन को भी भारत ने वर्ष 2020 में आतंकवादी घोषित कर रखा है।
क्यों आ रही ऐसी टिप्पणी?
दरअसल, एसएफजे की तरफ से इस तरह की टिप्पणियां तब से आनी शुरू हुई हैं जब से रूस की तरफ से खालिस्तान समर्थक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात मीडिया में आई है। पन्नु की इन टिप्पणियों पर पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि, अमेरिकी सरकार अमेरिका में हर विदेशी राजनयिकों व कांस्युलर के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। सनद रहे कि पिछले साल अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंसियों ने अमेरिकी नागरिक पन्नु की हत्या कराने की साजिश रची है।
अमेरिका के आरोप के बाद भारतीय मूल के एक व्यक्ति को चेक में गिरफ्तार किया गया था। उसे अमेरिका ले जाया गया है। उसके बाद भारत में भी एक सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी इस आरोप के संदर्भ में की गई है। अमेरिकी आरोपों की जांच के लिए भारत सरकार ने एक विशेष समिति का भी गठन किया है। इस तरह का ही आरोप कनाडा सरकार ने भारत पर एक अन्य आतंकी हरदीप ¨सह निज्जर की हत्या के संदर्भ में लगाया था। भारत ने इस आरोप का पूरी तरह से खंडन किया है। इसकी वजह से दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं।