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जाने विश्व में मातृ सुरक्षा दिवस के संबंध में

न्यूज़ लहर संवाददाता
*प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई के दिन मातृ सुरक्षा दिवस (Matru Suraksha Diwas) मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की मांओं को समर्पित होता है, क्योंकि यह दिन मातृ स्वास्थ्य एवं कल्याण की बेहतरी के लिए होता है। साल 2005 से विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) द्वारा मनाया जा रहा यह दिन हर परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

*प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को मातृ सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर की माताओं को समर्पित होता है, क्योंकि इस दिन का संबंध हर माँ की सेहत, सुरक्षा और कल्याणकारी कार्यों से होता है। साल 2005 से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसे मनाया जा रहा है।इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के पश्चात माँ के स्वास्थ्य के संदर्भ में जागरूकता पैदा करना है।

*प्रिगनेंसी के दरम्यान माँएं स्वास्थ्य के सबसे बड़े जोखिम का अकेले सामना करती हैं। गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोपरांत अवधि के दौरान माँएं उच्च मृत्यु दर जैसी चुनौतियों का भी सामना करती हैं।

*यद्यपि पिछले कुछ दशकों में इस दिशा में महत्वपूर्ण विकास हुए हैं, लेकिन अभी भी गर्भवती माँ के सेहत के प्रति सुधार की जरूरत है।प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान एवं प्रसव के पश्चात लगभग दो लाख 95 हजार से अधिक महिलाओं ने अपनी जान गंवाई है। गांवों में ये आंकड़े और भी बदतर बताये जाते हैं।

10 जुलाई को ही मातृत्व सुरक्षा दिवस क्यों?

मातृ सुरक्षा दिवस सेलीब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान बढ़ती मृत्यु दर पर नियंत्रण पाना और इस दिशा में महत्वपूर्ण उपायों पर ध्यान देना है।ताकि इन उपायों को शीघ्र से शीघ्र लागू किया जा सके। बहरहाल मातृ सुरक्षा दिवस 10 जुलाई को इसीलिए सेलीब्रेट किया जाता है क्योंकि अगले दिन यानी 11 जुलाई को हम विश्व जनसंख्या दिवस मनाते हैं।मातृ सुरक्षा दिवस यह दर्शाता है कि जनसंख्या वृद्धि का माँ की सेहत से सीधा संबंध होता है।इसलिए जनसंख्या पर अंकुश लगाना बहुत महत्वपूर्ण है।इससे माँ के सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

*बहरहाल, यह दिवस इस बात पर भी जोर देता है कि दो बच्चों के जन्म के बीच उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि यह मांओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस सलाह को नजरअंदाज करने से मां के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है।
सौजन्य:इंटरनेट

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