जमशेदपुर: उपायुक्त ने योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश, लंबित परियोजनाओं में तेजी लाने का आदेश
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में अनाबद्ध निधि, सीएसआर, सांसद-विधायक फंड, डीएमएफटी और तकनीकी विभागों के तहत स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विकास कार्यों की प्रगति और लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने पर जोर दिया गया। उपायुक्त ने पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और लापरवाह संवेदकों को ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी दी।
लंबित परियोजनाओं पर गहरी नाराजगी, कार्यपालक अभियंता को शो-कॉज
बैठक में उपायुक्त ने कार्यपालक अभियंता एनआरईपी को बिना पूर्व सूचना अनुपस्थित रहने पर शो-कॉज नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा कि संवेदकों की लापरवाही से विकास कार्यों में बाधा आती है, ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2023-24 की योजनाओं में 69 पूर्ण, 10 अब भी अधूरी
समीक्षा के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की 79 स्वीकृत योजनाओं में से 69 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 10 अब भी अधूरी हैं। वहीं, 2024-25 की 99 स्वीकृत योजनाओं में से 35 पूर्ण और 64 अपूर्ण हैं। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता देकर जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
सीएसआर फंड: स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता
सीएसआर फंड की समीक्षा में स्वास्थ्य संबंधी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने पर चर्चा हुई। इसके तहत एंबुलेंस, खनन क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, सामुदायिक भवन निर्माण, हाईमास्ट लाइट और सड़क निर्माण जैसे कार्य हो रहे हैं।
सांसद-विधायक निधि से जुड़ी योजनाओं पर भी फोकस
सांसद निधि के तहत 2023-24 में 132 योजनाएं स्वीकृत हुईं, जिनमें 75 पूर्ण और 57 लंबित हैं। विधायक निधि से 525 योजनाएं स्वीकृत हुईं, जिनमें 251 पूर्ण और 274 अपूर्ण हैं। उपायुक्त ने संबंधित अभियंताओं को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागों से समन्वय स्थापित कर समस्याओं का समाधान निकालने का निर्देश दिया।
तकनीकी विभागों को मिली स्पष्ट समय सीमा
विशेष प्रमंडल, पथ प्रमंडल, ग्रामीण कार्य विभाग, पेयजल, लघु सिंचाई, विद्युत और भवन निर्माण विभागों की समीक्षा में उपायुक्त ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और लंबित योजनाओं में तेजी लाएं। किसी भी समस्या की स्थिति में तत्काल जानकारी देने का निर्देश दिया गया।
बैठक में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, कार्यपालक अभियंता दीपक सहाय और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।