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जोरावर सिंह और हरि सिंह नलुवा की तस्वीर सेना मुख्यालय में लगाई जाए प्रधानमंत्री को कुलविंदर सिंह ने किया ट्वीट

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड। सेनानायक जोरावर सिंह कहलुरिया और सेनानायक हरि सिंह नलुवा की तस्वीर भारतीय सेवा मुख्यालय में लगाने का आग्रह कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुलविंदर सिंह ने एक्स पर ट्वीट किया है। थल सेवा दिवस की बधाई सैनिकों को उन्होंने दी है। कुलविंदर सिंह के अनुसार भारतीय सेना मुख्यालय में 1971 की वह ऐतिहासिक तस्वीर लगाई गई है, जिसमें नब्बे हजार से ज्यादा पाकिस्तान सेना ने भारतीय सेवा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था

और समझौते के दस्तावेज पर भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और पाकिस्तानी जनरल नियाजी खान ने दस्तखत किए थे। वह तस्वीर भारतीय गौरव कीर्ति गाथा की दास्तां बयां करती है। यह तस्वीर हर भारतीय को सेवा में शामिल होकर देश सेवा करने को प्रेरित और गौरवान्वित करती है।

ऐसे ही 19वीं सदी में सिख जनरल हरि सिंह नलुवा हुए, जिन्होंने अफ़गानियों को खैबर दर्रे से पार खदेड़ा था और अफगानिस्तान पर विजय प्राप्त की थी। यह वही खैबर दर्रा है जहां से होकर हूण, कुषाण, तातार, यूनानी, मंगोल, तुर्क, अफगानी भारत में आक्रमण किया करते थे। हरि सिंह नलुवा ने देश का इतिहास बदल दिया। अफगानिस्तान में मां बच्चों को चुप कराती थी कि चुप हो जा नहीं तो नलुवा आ जाएगा और वहां के पुरुषों ने डर कर परिधान बदल लिया था।

इसी तरह डोगरा जोरावर सिंह कहलुरिया ने बाल्टिस्तान, लद्दाख तिब्बत , नेपाल तक विजय अभियान चलाया। लद्दाख और हिमालय का वह पहाड़ी इलाका भारत में है इसका पूरा और पूरा श्रेय जोरावर सिंह को ही है। जोरावर सिंह की समाधि पर हर तिब्बती मां माथा टेक कर साहसी बेटे की कामना करती है।

इन दोनों योद्धा की आदमकद प्रतिमा कश्मीर के सुरंग के सामने लगाई जानी चाहिए और इनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

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