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झारखंड में स्टैनचटेक इलेक्ट्रॉनिक पर धोखाधड़ी का बड़ा मामला, अदालत ने कंपनी को तलब किया

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड : जमशेदपुर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी न्यायालय में स्टैनचटेक इलेक्ट्रॉनिक एलएलपी के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले में शिकायतकर्ता विक्की कुमार साहू ने कंपनी और उसके पदाधिकारियों पर 11,59,000 रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

शिकायत के अनुसार, कंपनी ने अपने कर्मचारी के माध्यम से शिकायतकर्ता से इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदने का अनुरोध किया और विपणन सेवाएं प्रदान करने का वादा किया। भरोसा करके शिकायतकर्ता ने मोबाइल फोन, ईयरफोन, ब्लूटूथ नेकबैंड और अन्य उत्पाद खरीदे। लेकिन बाद में यह पाया गया कि न केवल उत्पाद खराब गुणवत्ता के थे, बल्कि उन पर गलत निर्माण तिथि और फर्जी स्टिकर लगाए गए थे। खुदरा विक्रेताओं ने इन दोषपूर्ण उत्पादों को वापस कर दिया।

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी के कर्मचारी ने आश्वासन के बावजूद संपर्क करना बंद कर दिया। जब शिकायतकर्ता ने कंपनी के एक अधिकारी, अमव जैन, से संपर्क किया, तो उन्हें खराब उत्पाद बदलने का झूठा आश्वासन दिया गया।

इस मामले में शिकायतकर्ता ने दो गवाहों, कालीचरण प्रजापति और नीरज प्रसाद की गवाही प्रस्तुत की। इसके अतिरिक्त अकाउंट स्टेटमेंट, टैक्स इनवॉयस, फोटो, कानूनी नोटिस और डाक रसीदें भी साक्ष्य के तौर पर पेश की गईं।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल गौरव ने शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को प्रथम दृष्टया पर्याप्त मानते हुए स्टैनचटेक इलेक्ट्रॉनिक एलएलपी और इसके पदाधिकारियों रमेश जैन , औकुर गुप्ता  और अर्नव जैन  के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 465 (जालसाजी) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें तलब किया।

अदालत ने शिकायतकर्ता को सात दिनों के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने इस मामले को उपभोक्ता विश्वास और व्यावसायिक नैतिकता का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा कि आरोप साबित होने पर यह कानून का बड़ा उल्लंघन सिद्ध होगा।

यह मामला झारखंड में उपभोक्ता अधिकार और व्यावसायिक नैतिकता को लेकर एक महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाई बन सकता है।

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